पॉलिटिक्स

पूर्वी बिहार में कांग्रेस ने युवा नेताओं पर खेला दाव, खगड़िया से डॉक्टर चंदन, जमुई से बंटी, सुल्तानगंज से ललन, बांका से जितेंद्र और कहलगांव से शुभानंद मैदान में

पटना, ऋषिकेश नारायण सिंह।

कांग्रेस में अक्सर बुजुर्ग नेता चुनाव लड़ते रहे हैं लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव में पार्टी पूर्वी बिहार में युवा और तेजतर्रार नेताओं पर दांव खेलने जा रही है. पांच प्रमुख सीटों पर पार्टी ने महागठबंधन की ओर से नौजवान नेताओं को मैदान में उतारा है. इनमें तीन पहली बार चुनाव लड़ेंगे जबकि एक पहले से विधायक हैं दूसरे पिछले चुनाव में निर्दलीय लड़े थे. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव और भागलपुर विश्वविद्यालय के सिनेट सदस्य मृत्युंजय सिंह गंगा ने कहा है कि सबसे खास बात यह है कि पांचो उम्मीदवार 40 से 45 साल के बीच के हैं. डॉ गंगा के अनुसार ऊर्जावान नेता विधायक बनकर क्षेत्र की तरक्की करेंगे.

डॉ चंदन सबसे अधिक पढ़े लिखे

खगड़िया के बेलदौर से कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव डॉ चंदन यादव को उम्मीदवार बनाया गया है, पार्टी में इनकी प्रबुद्ध छवि मानी जाती है. इन्होंने जेएनयू से पीएचडी किया है. ये छत्तीसगढ़ के एआईसीसी प्रभारी हैं. छत्तीसगढ़ के चुनाव में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. वहां सरकार बनी तो कांग्रेस आलाकमान का उनके प्रति और विश्वास बढ़ा. पार्टी ने उन्हें उनके गृह जिला से लड़ाने का फैसला किया है. चंदन प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के भी नजदीक माने जाते हैं.

बंटी चौधरी को दूसरी बार टिकट

बंटी चौधरी को जमुई के सिकंदरा से पार्टी ने ने दूसरी बार विश्वास किया है. पिछली बार इस सीट पर उन्होंने कड़ी टक्कर में प्रतिष्ठा की लड़ाई जीती थी. यह सुरक्षित सीट है. बंटी कांग्रेस के दलित चेहरा माने जाते हैं.

सुभानंद ने अपने पिता सदानंद की विरासत को संभाला

कहलगांव विधानसभा क्षेत्र से पार्टी ने कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह के बेटे सुभानंद मुकेश को उम्मीदवार बनाया है. सुभानंद मुकेश पेशे से इंजीनियर रहे हैं, कांग्रेस से 9 बार विधायक रह चुके सदानंद सिंह ने पिछले चुनाव में ही यह घोषणा किया था अब आगे चुनाव नहीं लड़ेंगे. अपनी जगह अपने बेटे सुभानंद मुकेश को चुनाव लड़ आएंगे. उसके बाद से सुभानंद कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय थे. वे कहलगांव अनुमंडल युवा कांग्रेस के अध्यक्ष थे.

अमरपुर से जितेंद्र सिंह, सशक्त राजनीतिक परिवार

पार्टी ने बांका जिले के अमरपुर सीट पर भागलपुर -बांका कॉपरेटिव बैंक के पूर्व चेयरमैन जितेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया है, श्री सिंह सहकारिता चुनाव के धुरंधर माने जाते हैं. इनका परिवार राजनीतिक रूप से सशक्त माना जाता है .इनकी पत्नी अर्चना सिंह बांका जिला परिषद की उपाध्यक्ष और अमरपुर से जिला परिषद सदस्य है.

सुल्तानगंज से ललन यादव ने दो मोर्चों पर बाजी मारी

सुल्तानगंज से कांग्रेस के उम्मीदवार ललन यादव ने दो मोर्चों को फतह कर टिकट लिया है. उम्मीदवार बनने में पिछले साल के चुनाव में 14, 000 से अधिक वोट का लाना, बेहतर रणनीति और कांग्रेस के साथ ही साथ राजद आलाकमान से नजदीकी काम आई. युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे ललन यादव को जब पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया तो वह सुल्तानगंज विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय लड़े थे. उन्होंने 14 हजार से अधिक वोट लाया. ललन पहली बार मैदान में उतरे थे मगर नामांकन जुलूस से लेकर उनके चुनाव लड़ने का अंदाज चर्चा में रहा.

राजनीतिक गलियारे में 1 सप्ताह पहले से यह चर्चा जोरों से चल रही थी की भागलपुर जिला परिषद के अध्यक्ष टुनटुन साह का सुल्तानगंज से राजद से टिकट कन्फ़र्म हो गया है, जबकि इस सीट पर कांग्रेस दावा कर रही थी. भागलपुर नगर निगम की मेयर सीमा साह के पति टुनटुन साह भाजपा से जुड़े हैं मगर अंतिम समय में ललन यादव ने सबको चौकाते हुए बाजी मार दी. ललन यादव का राजद नेता और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के परिवार से बेहतर संबंध रहा है.

Dr Rishikesh

Editor - Bharat Varta (National Monthly Magazine & Web Media Network)

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