
रांची ,भारत वार्ता संवाददाता: झारखंड एकेडमिक काउंसिल की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द होने से राज्य के 7.63 लाख छात्र और उनके परिवार के लोगों ने राहत की सांस ली है.दसवीं की परीक्षा में 4. 32 लाख और 12वीं की परीक्षा में 3. 31 लाख छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने परीक्षा रद्द करने का ऐलान गुरुवार को ट्वीट करके किया था. मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी थी कि परीक्षा रद्द करने का फैसला कोरोना संक्रमण और अभिभावकों की मांग के आधार पर लिया गया. दरअसल कोरोना महामारी के इस भीषण संकट के बीच परीक्षा देना छात्रों के लिए मौत से खेलने जैसा था. इसीलिए छात्रों के साथ- साथ अभिभावक भी नहीं चाहते थे कि परीक्षा हो. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर परीक्षा कराने के संबंध में लोगों की राय मांगी थी. लोगों की राय आई की परीक्षा रद्द होनी चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में जब सीबीएसई औ आईएससीई की परीक्षाओं को रद्द करने का ऐलान किया गया, उसके बाद से अधिकांश राज्यों में बोर्ड परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया. झारखंड सरकार ने भी केंद्र सरकार के फैसले का अनुसरण करते हुए अपने प्रदेश के लोगों के हित में परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया. इसका राज्य के छात्रों और आम लोगों ने स्वागत किया है.
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