नीट पेपर लीक कांड में पटना एम्स के तीन छात्र गिरफ्तार
Bharat varta desk
नीट पेपर लीक कांड में सीबीआई ने पटना एम्स के तीन डाक्टरों को उठाया है और तीनों को पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई है. तीनों 2021 बैच के स्टूडेंट बताये जा रहे हैं. आधिकारिक सूत्रों से खबर है कि तीनों के रूम को भी सीबीआई ने सील कर दिया है और तीनों के लैपटॉप और मोबाइल भी जब्त कर सीबीआई अपने साथ ले गई है.
बता दें कि नीट पेपर लीक मामले की जांच काफी आगे बढ़ चुकी है और सीबीआई ने पेपर चोरी करने वाले से देकर अभ्यर्थियों तक पहुंचाने और उन्हें रटाने से लेकर इस कड़ी में शामिल करीब करीब हर संदिग्ध चेहरे को पकड़ लिया है. नीट पेपर लीक मामला सीबीआई को हैंडओवर करने के बाद 25 दिनों में राज्यों से अब तक 42 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. सीबीआई के सूत्र बताते हैं कि पूरे मामले में अब बस एक मिसिंग लिंक की तलाश है जो पेपर ले जाने वाले ट्रक की सूचना जलसाजों तक पहुंचाने के बारे में है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा-पेपर लीक साबित करें छात्र
नीट मामले पर याचिकाकर्ता के वकील नरेंद्र हुड्डा ने नीट केस की दोबार जांच की मांग की. इस मांग को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने खारिज कर दी. कहा कि केस की दोबारा जांच की जरूरत नहीं है.नीट विवाद पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ताओं से पेपर लीक साबित करने को कहा. नीट मामले की जांच को लेकर कोर्ट ने कहा कि अगर आप पेपर लीक साबित कर देंगे तभी इस मामले पर दोबार जांच शुरू की जाएगी. कोर्ट ने दायर याचिकाओं पर अगली सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. केंद्र बदलने के मामले में सीजेआई ने एनटीए से पूछा कि क्या उसके पास कोई डेटा है जिससे पता चले कि 1 लाख 8 हजार स्टूडेंट्स ने अपना केंद्र बदला है? यह देखना जरूरी है कि संदिग्ध केंद्र बदला गया था या नहीं. एनटीए ने जवाब दिया कि परीक्षा से दो दिन पहले ही केंद्र आवंटित किया जाता है, इसलिए इस बारे में किसी को कुछ पता नहीं है.