राज्य विशेष

आयुष्मान भारत व किसान सम्मान निधि को बंगाल में लागू करने के लिए ममता बनर्जी ने केंद्र के सामने रखी शर्त

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आयुष्मान भारत और पीएम किसान सम्मान निधि योजनाओं में बंगाल के शामिल होने के लिए केंद्र के सामने शर्त रख दी है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि इन योजनाओं में वह तभी शामिल होंगी, जब इसमें केंद्र द्वारा खर्च की जाने वाली राशि राज्य सरकार के जरिये खर्च हो.यानी राशि सीधे लाभार्थियों के खाते में भेजने की बजाय राज्य सरकार की मशीनरी के जरिये आवंटित की जाये. मुख्यमंत्री ने इस संबंध में 9 सितंबर, 2020 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री व केंद्रीय कृषि मंत्री को इस संबंध में पत्र लिखा है. इसके बाद इसका खुलासा हुआ है.कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लिखा है कि विभिन्न मौकों पर ऐसा सुनने में आया है कि पश्चिम बंगाल सरकार, केंद्र की पीएम किसान सम्मान निधि योजना को बंगाल में लागू नहीं कर रही है. इस बाबत वह बताना चाहती हैं कि बंगाल ने पहले ही किसानों को वित्तीय सहायता देने के लिए कृषक बंधु योजना को लागू किया है.उन्होंने कहा है कि छोटी जमीन वाले किसानों को इससे लाभ मिलता है. इस योजना के तहत हर किसान को सरकार से पांच हजार रुपये मिलते हैं. 18 से 60 वर्ष के बीच किसान की मौत होने पर उसे दो लाख रुपये का मुआवजा मिलता हैं. राज्य के 73 लाख से अधिक किसान इस योजना से जुड़े हैं.हालांकि, राज्य सरकार को राज्य के किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना की सुविधा मुहैया करने में खुशी होगी. इसके लिए केंद्र सरकार जरूरी फंड सीधे राज्य सरकार को जारी करे, ताकि वह किसानों के बीच वितरित करे. पूरी जिम्मेदारी के साथ राज्य सरकार की मशीनरी इसका वितरण करवायेगी.केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन को लिखे पत्र में भी ममता बनर्जी ने लिखा है कि कई अवसरों पर सुनने को मिलता है कि बंगाल में आयुष्मान भारत की योजना को लागू नहीं किया जा रहा है. इस सिलसिले में वह बताना चाहती हैं कि बंगाल ने पहले ही सभी सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा, दवाओं व डायोग्नॉस्टिक्स के लिए 100 फीसदी निःशुल्क व्यवस्था की है.उन्होंने लिखा है कि राज्य सरकार ने स्वास्थ्य साथी योजना को लागू किया है, जिससे न केवल 100 फीसदी निःशुल्क चिकित्सा, दवाएं व डायोग्नोॉस्टिक्स सरकारी अस्पतालों में सुनिश्चित होता है, बल्कि प्राइवेट हेल्थकेयर फैसिलिटी में भी पांच लाख रुपये तक प्रति परिवार गंभीर बीमारियों जैसे कि कैंसर, हृदय की बीमारी, किडनी की बीमारी आदि के लिए सहायता की सुविधा है.वर्तमान में बंगाल के 7.5 करोड़ से अधिक लोग स्वास्थ्य साथी के दायरे में आते हैं. हालांकि, भारत सरकार की आयुष्मान भारत की 100 फीसदी खर्च की योजना को भी बंगाल में लागू किया जा सकता है. इसके लिए समूची फंडिंग को राज्य सरकार के जरिये करना होगा.

Kumar Gaurav

Recent Posts

नेपाल में आम चुनाव 5 मार्च को, सुशीला कार्की के प्रधानमंत्री बनने के बाद राष्ट्रपति कार्यालय का ऐलान

Bharat varta Desk नेपाल में सुशीला कार्की के अंतरिम पीएम बनने के बाद शुक्रवार देर… Read More

2 days ago

लग्जरी गाड़ियां, 32 किलो सोने-चांदी के बिस्किट, 1 किलो गहने… कर्नाटक MLA के घर ईडी छापे में काले धन की ढेर बरामद

Bharat varta Desk कर्नाटक के चित्रदुर्ग से कांग्रेस विधायक केसी. वीरेंद्र की मुश्किलें लगातार बढ़ती… Read More

5 days ago

सीपी राधाकृष्णन देश के नए उपराष्ट्रपति

Bharat varta Desk NDA के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने भारत के उपराष्ट्रपति चुनाव में बड़ी… Read More

6 days ago

नेपाल के राष्ट्रपति ने भी दिया इस्तीफा

Bharat varta Desk नेपाल में हिंसक प्रदर्शन के बीच राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने भी अपने… Read More

6 days ago

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने दिया इस्तीफा, संसद पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा

Bharat varta Desk नेपाल को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पद से इस्तीफा दे दिया… Read More

6 days ago

उपराष्ट्रपति के लिए मतदान, अमित शाह और राहुल गांधी ने गिराए वोट

Bharat varta Desk उपराष्ट्रपति पद के लिए दिल्ली में वोटिंग जारी है। देश के गृह… Read More

6 days ago