
यह टनल मनाली और लाहौल स्पीति घाटी को जोड़ता है
लेह की दूरी 46 किलोमीटर कम हुई
सेल ने की 9000 टन लोहे की सप्लाई
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में बनी दुनिया की सबसे बड़ी रोड टनल का उद्घाटन किया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर बनी ‘अटल टनल’ में 15,000 टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है. इसके निर्माण में इस्तेमाल हुई स्टील में 9,000 टन से ज्यादा की सप्लाई सरकारी कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ने की है. बता दें कि 9.02 किमी लंबी ये टनल 10040 फुट की ऊंचाई पर बनाई है. ये टनल मनाली से लाहौल स्पीति घाटी को जोड़ती है.
अटल टनल को बनाने में 3200 करोड़ रुपये की लागत आई है.
इस परियोजना को 6 साल में पूरा किया जाना था, लेकिन यह 10 साल में पूरी हो गई. अब लाहौल सर्दियों में बर्फबारी के बाद 6 महीने तक शेष भारत से कटा नहीं रहेगा. अब तक बर्फबारी होने के बाद लाहौल का बाकी दुनिया से संपर्क पूरी तरह कट जाता था. वहीं, लेह की दूरी भी करीब 46 किमी कम हो गई है. दूसरे शब्दों में कहें तो रोहतांग दर्रा से लेह पहुंचने में लगने वाले 5 से 6 घंटे के बजाय अब करीब डेढ़ घंटा ही लगेगा.
रणनीतिक नजरिये से काफी अहम है अटल टनल’
केंद्रीय इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अटल टनल स्थानीय आम लोगों के साथ ही रणनीतिक नजरिये से भी काफी अहम है. निर्माण स्थल और मौसम की चुनौतियों को देखते हुए यह टनल देश के लिए बड़ी उपलब्धि है. सेल ने इस परियोजना के लिए भारी मात्रा में स्टील की आपूर्ति की है. सेल हमेशा से देश निर्माण की जरूरतों को पूरा करने में आगे रहा है और स्टील की हर जरूरत को पूरा किया है.
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