वैक्सिनेशन के शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री ने पढ़ी दिनकर की पंक्ति, ‘…मानव जब जोर लगाता है पत्थर पानी बन जाता है’

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News N Live Desk: ‘…मानव जब जोर लगाता है, पत्‍थर भी पानी बन जाता है’, राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित ‘रश्मिरथी’ की पंक्तियां पढ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि महामारी कोविड-19 के लिए वैक्सीन लाने की राह कितनी कठिनाईयों से भरी थी, जिसे हमारे वैज्ञानिक और वैक्सीन के रिसर्च से जुड़े लोगों के प्रयासों ने आसान और सरल बना दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को कोविड-19 वैक्सीनेशन ड्राइव का शुभारंभ कर दिया। इस मौके पर उन्होंने देशवासियों को संबोधित करते हुए शुभकामनाएं दी और कहा कि हर कोई यही सवाल कर रहा था कि वैक्सीन कब आएगा। यह अब आ गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं ये बात फिर याद दिलाना चाहता हूं कि कोरोना वैक्सीन की 2 डोज लगनी बहुत जरूरी है। पहली और दूसरी डोज के बीच लगभग एक महीने का अंतराल भी रखा जाएगा। दूसरी डोज़ लगने के 2 हफ्ते बाद ही आपके शरीर में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक इम्यूनिटी विकसित हो पाएगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इतिहास में इस प्रकार का और इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया है। दुनिया के 100 से भी ज्यादा ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या 3 करोड़ से कम है और भारत वैक्सीनेशन के अपने पहले चरण में ही 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है।

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