बौद्ध महोत्सव में नीतू नवगीत ने किया बिहार की गौरव गाथा का गान

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  • नालंदा और बोधगया का गौरव तुझ में समाया है… ऐ बिहार की धरती तुझपे जीवन कुर्बान है
  • कहना है गर्व से हम हैं बिहारी अपनी यही पहचान है

गया : बोधगया में गया जिला प्रशासन एवं पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित बौद्ध महोत्सव के तीसरे दिन बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका डॉक्टर नीतू कुमारी नवगीत ने बिहार की सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करते हुए बिहार की सोंधी माटी की खुशबू से लबरेज लोकगीतों की शानदार प्रस्तुति करके लोगों का दिल जीत लिया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में उन्होंने बिहार राज्य के समृद्धि इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि इस धरती पर भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया जिससे सारी दुनिया रोशन हुई। बिहार की गौरव गाथा का बखान करते हुए उन्होंने जो गीत गाया उसके बोल इस प्रकार रहे-जिस धरा पर हमने जन्म लिया है,वही हमारा मान है। ऐ बिहार की धरती तुझ पर जीवन कुर्बान है . . . .कहना है गर्व से हम हैं बिहारी अपनी यही पहचान है, ऐ बिहार की धरती तुझ पर जीवन कुर्बान है। उन्होंने पटना से बैदा बुलाई दा नजरा गईनीं गुईया और यही ठईया टिकुली हेरा गइले दइया रे गाकर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। भारत देश की महानता का वर्णन करते हुए नीतू नवगीत ने सुंदर सुभूमि भैया भारत के देशवा से मोरे प्रान बसे हिमखोह रे बटोहिया गीत गाया। उन्होंने महोत्सव में मोरे राम अवध में आए सखी गाकर भक्ति भाव जगाया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में डॉ. नीतू नवगीत के साथ धीरज कुमार पांडे ने नाल पर, आशीष कुमार पंडित ने पैड पर और सुभाष कुमार ने बैंजो पर संगत किया।

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