अंजु रंजन की दो नई पुस्तकों का विमोचन

0

राजनीति फिसलती है तो साहित्य सहारा देता है : अवधेश नारायण सिंह

पटना : भारतीय विदेश सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और दक्षिण अफ्रीका के भारतीय दूतावास में कार्यरत अंजु रंजन के दूसरे कविता संग्रह विस्थापन और यादें तथा प्रथम संस्मरण वो कागज़ की कश्ती का लोकार्पण बिहार विधान परिषद सभागार में बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, विधान पार्षद डॉ संजय पासवान, नई धारा पत्रिका के संपादक डॉ शिवनारायण और लखनऊ के प्रमंडलीय आयुक्त रंजन कुमार द्वारा किया गया । पुस्तकों का विमोचन करते बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि जहां-जहां राजनीति फिसलती है, साहित्य उसे सहारा देता है । नई धारा और थावे विद्यापीठ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कार्यक्रम में कविता संग्रह के बारे में वरिष्ठ कवि आलोक धन्वा ने कहा कि अंजु रंजन की कविताएँ सदिच्‍छाओं की सहज अभिव्‍यक्ति हैं। इनमें जीवन के श्‍वेत-श्‍याम व बाकी तमाम रंग मौसमों की तरह आते जाते हैं। जो कहीं उल्‍लास पैदा करते हैं और कहीं हमारी पीड़ा व त्रासदी को बयाँ करते हैं। जीवन के अंतरविर्रोध को समझती हैं अंजु और उसे जाहिर करने से कभी हिचकती नहीं, भले वह पारम्परिक सौन्दर्य-बोध को बाधित करता हो पर एक वैचारिक दृढ़ता को दर्शाता है । कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार भावना शेखर ने अंजु रंजन के संस्मरण को नई पीढ़ी की लड़कियों के लिए प्रेरणास्पद बताया । कार्यक्रम में अंजू रंजन ने कहा कि वह पूरी दुनिया में अपने माटी की गंध से सुवासित यादों की पोटली लिए घुमती हैं । कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ साहित्यकार डॉ शिव नारायण ने किया । मौके पर युवा साहित्यकार दिलीप कुमार, कवि कुमार मुकुल, शंकर कैमुरी संतोष कुमार गुप्ता,अविनाश झा, मंजू रंजन सहित अनेक साहित्यकार और कला प्रेमी उपस्थित रहे ।

About Post Author

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x