लीचीपुरम उत्सव में फैली लोकगीतों की खुशबू, नीतू नवगीत के गीतों पर झूमे श्रोता

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मुजफ्फरपुर के लीचिया खिलइह बलमा

मोतिहारी : मेहसी (मोतिहारी) लीचीपुरम उत्सव समिति द्वारा आयोजित 14 वें लीचीपुरम उत्सव के प्रथम दिन बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका डॉ नीतू कुमारी नवगीत ने बिहार की सोंधी सोंधी माटी से लबरेज पारंपरिक लोकगीतों की शानदार प्रस्तुति करके उपस्थित श्रोताओं का दिल जीत लिया। राजकीय तिरहुत उच्चतर विद्यालय के प्रांगण में 3 दिनों तक चलने वाले इस उत्सव के प्रथम दिन उद्घाटन समारोह में प्रखंड विकास पदाधिकारी रविंद्र कुमार सिंह, सुधीर कुमार सिन्हा, प्रेम कुमार निराला उर्फ उमाशंकर जायसवाल, सुधीष्ठ नारायण ठाकुर, सत्यदेव राय आर्य, मुखिया राकेश पाठक, विपिन सिंह, शैलेश कुमार, तार किशोर प्रसाद, बी के वीरेंद्र, सर्वेश श्रीवास्तव आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे। उद्घाटन समारोह के बाद राजकीय तिरहुत उच्चतर विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया गया। फिर चंद्रशील विद्यापीठ, चकिया के विद्यार्थियों ने शानदार प्रस्तुति दी । मुकेश ठाकुर और अशोक कुमार शुक्ला ने फिल्मी गीत और देवी गीत पेश किए। लोक संस्कृति का असली रंग जमाया लोकगायिका नीतू कुमारी नवगीत ने। मंच संभालते ही उन्होंने भिखारी ठाकुर का प्रसिद्ध गीत पिया गइले कलकाताबा ये सजनी गाकर सभी को झुमा दिया। फिर उन्होंने चलनी के चालल दूल्हा गाकर माहौल को सुरीला बनाया। उन्होंने अंगूरी में डसले बिया नगिनिया रे ननदी सैया के बुला द, पटना से पाजेब बलम जी आरा से होठलाली, छपरा से मंगा दे चुनरिया छींट वाली, कोयल बिना बगिया ना शोभे राजा, मुजफ्फरपुर के लीचिया खिलइह बालमा, पटना सहरिया घुमा द बालमा समेत अनेक गीतों की शानदार प्रस्तुति दी। सांस्कृतिक कार्यक्रम में भोला कुमार ने नाल पर, सुजीत कुमार ने हारमोनियम पर, अमरेंद्र कुमार ने बैंजो पर और पिंटू कुमार ने पैड पर लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत के साथ संगत किया।

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