पटना: बिहार में राज्यपाल कोटे के 12 विधान परिषद सदस्यों के मनोयन के बाद राज्य की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। जदयू कोटे से 6 और भाजपा कोटे से 6 नेताओं का मनोयन हुआ है। एनडीए के घटक पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हम और मंत्री मुकेश साहनी की पार्टी वीआईपी को इस मनोयन में कुछ नहीं मिला। इससे दोनों नेता नाराज हैं। दोनों पार्टी के नेताओं ने नाराजगी जाहिर की है।
जीतन राम मांझी ने मीडिया से बातचीत में सार्वजनिक रूप से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हम और वीआईपी के कोटे से भी मनोयन होना चाहिए था। ऐसा न होने से दुख हुआ है।
वहीं सदस्यों के शपथ ग्रहण के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि किसी के नाराज होने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है। मुख्यमंत्री के पास सिमित अधिकार है। राजनीति में किसी के कुछ बोलने या कहने से कोई फर्क नहीं पड़ता है।
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