“ग्रामीणों की आस, मनरेगा से विकास” अभियान शुरू, 15 दिसंबर तक चलेगा
रांचीः ग्रामीण विकास विभाग के कार्यों का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सकारात्मक सुधार लाना है। हमारी सरकार इसी सोच के साथ आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य के गांव, गरीब, किसान, नौजवान सभी वर्गों और धर्मों के लोगों को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण विकास विभाग अपनी विभिन्न महत्वकांक्षी योजनाओं का लाभ गांव-गांव, घर-घर तक पहुंचाने का कार्य कर रहा है। जरूरतमंदों के बीच रोजगार सृजन सरकार की प्राथमिकता है। ग्रामीणों के जीवन में आर्थिक तथा सामाजिक परिवर्तन के लिए हम प्रतिबद्धता के साथ जुटे हैं। उक्त बातें आज ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने झारखंड मंत्रालय के सभागार में आयोजित “ग्रामीणों की आस, मनरेगा से विकास” अभियान के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।
सरकार की योजनाओं में आम लोगों की भागीदारी बढ़ी
मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के कालखंड में विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से लोगों को जोड़ा जा रहा है। मनरेगा की योजनाओं में लोगों की बढ़ी भागीदारी हमें काम करने के प्रति और ऊर्जावान बना रही है। वर्तमान सरकार के गठन के शुरुआती दिनों से ही राज्य के सर्वांगीण विकास की कड़ी में कृषि, किसान, लघु एवं कुटीर उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित मनरेगा योजना में सकारात्मक सोच के साथ विशेष बल दिया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि राज्य के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में त्वरित विकास तभी संभव है, जब सरकारी प्रयासों के साथ पर्याप्त रूप से जमीनी स्तर पर लोगों की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष भागीदारी सुनिश्चित होगी। लोगों की सोच में बदलाव लाकर उनकी भूमिका और दायित्व सुनिश्चित करना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है।
संचालित योजनाओं एवं कार्यों का निरंतर अनुश्रवण आवश्यक
मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि ग्रामीणों की आस मनरेगा से विकास कार्यक्रम 22 सितंबर से 15 दिसंबर 2021 तक चलेगा। 15 दिसंबर के बाद कार्यक्रम के उद्देश्यों की प्राप्ति को लेकर आकलन किया जाएगा, फिर आगे की तैयारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से लोगों की काफी अपेक्षाएं हैं। कोरोना महामारी में भी ग्रामीण विकास विभाग के पदाधिकारी, सभी जिलों के डीडीसी तथा सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों, जेएसएलपीएस से जुड़ी महिला स्वयं सहायता समूहों की दीदियों द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए जॉब कार्ड निर्गत कर उन्हें रोजगार से जोड़ने का अच्छा किया है। नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना एवं बागवानी योजना के संरक्षण तथा रखवाली के लिए हमारी सरकार ने नीतियों में बदलाव किया तथा इसे मजबूत बनाया। उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना के 14 साल बीतने के बाद भी सभी खेतों में कुआं नहीं दिखाई दे रहा है। बकरी शेडों की हालत खराब है। उन्होंने सभी अधिकारियों से निवेदन किया कि सभी योजनाओं को शत प्रतिशत धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी लें। उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारियों से कहा कि मनरेगा की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का दायित्व सबसे ज्यादा आप पर है। सभी कार्यों का निरंतर अनुश्रवण तथा जांच आप अपने क्षेत्र में करते रहें। जहां गलती हो वहां सुधार करें। आप जितनी मेहनत करेंगे योजनाएं उतनी ही सफल होंगी।
लोगों को “ग्रामीणों की आस, मनरेगा से विकास” अभियान का मिलेगा लाभ
मंत्री ने कहा कि इसी कड़ी में आज मनरेगा अंतर्गत चलने वाले “ग्रामीणों की आस, मनरेगा से विकास” अभियान का शुभारंभ हो रहा है। यह अभियान 22 सितंबर से 15 दिसंबर 2021 तक राज्य के चिन्हित 150 प्रखंडों में चलाया जाएगा। इस अभियान को आवश्यकतानुसार जिलास्तरीय समिति द्वारा राज्य के अन्य प्रखंडों में भी विस्तारित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि “ग्रामीणों की आस, मनरेगा से विकास” अभियान का मुख्य उद्देश्य नियमित रोजगार दिवस का आयोजन, नियमित ग्राम सभा का आयोजन, इच्छुक सभी परिवारों को ससमय रोजगार उपलब्ध कराना, महिला एवं अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कोटि के श्रमिकों की भागीदारी में वृद्धि करना, प्रति परिवार औसत मानव दिवस में वृद्धि, जॉब कार्ड निर्गत/नवीकरण करना, जॉब कार्ड का सत्यापन करना, प्रत्येक गांव/ टोला औसतन 5 से 6 योजनाओं का निरन्तर क्रियान्वयन करना, पूर्व से चली आ रही पुरानी योजनाओं को पूर्ण करना, प्रत्येक ग्राम पंचायत में पर्याप्त योजनाओं की स्वीकृति, शत-प्रतिशत महिला मेट का नियोजन, एनएमएमएस के माध्यम से मेट द्वारा मजदूरों की उपस्थिति अपलोड करना, जीआइसी बेस्ड प्लानिंग करना है।
ग्रामीणों को स्वावलंबी एवं आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का हो रहा प्रयास
मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि पूर्ण विश्वास है कि यह अभियान ग्रामीण क्षेत्रों में बसनेवाले लोगों को स्वावलंबी तथा आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में सफल होगा। कोरोना संक्रमण काल के मद्देनजर माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी के नेतृत्व में राज्य सरकार की गांव, गरीबों, किसान और नौजवानों के प्रति गहरी संवेदना रही है। हमारे वैसे प्रवासी मजदूर भाई जो दूसरे राज्यों में रोजगार के लिए जाते हैं, वे कोविड-19 के समय हुए लॉकडाउन में फंस गए थे। मुख्यमंत्री की दृढ़ इच्छाशक्ति से राज्य सरकार ने इन सभी प्रवासी मजदूर भाइयों को एयरलिफ्ट, रेल, बस सहित अन्य माध्यमों से सकुशल घर वापसी कराई है। अब इन मजदूर भाइयों को मनरेगा के तहत बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना, वीर शहीद पोटो हो खेल योजना से जोड़कर गांव पर ही काम दिया जा रहा है।
अधूरी योजनाओं को जल्द पूरा करेः डॉ. मनीष रंजन
इस अवसर पर ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ. मनीष रंजन ने “ग्रामीणों की आस, मनरेगा से विकास” अभियान की रूपरेखा पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए बताया कि ग्रामीण विकास मंत्री के सकारात्मक सोच और मनरेगा आयुक्त के विजन से अभियान का शुभारंभ किया जा सका है। पोस्ट कोविड-19 में अब योजनाओं को और प्रभावशाली तरीके से धरातल पर कैसे उतारा जाए, इसके लिए यह अभियान महत्वपूर्ण है। मनरेगा के कार्यों में और 10% की वृद्धि 15 दिसंबर 2021 तक करने का लक्ष्य रखा गया है। अधूरी योजनाओं को पूरा करना है। मनरेगा अंतर्गत अधिक से अधिक कार्य दिवस का सृजन कर लोगों को रोजगार से जोड़ना इस अभियान का मुख्य उद्देश्य रहेगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं को लोगों तक शत-प्रतिशत पहुंचाना विभाग की प्राथमिकता है। उन्होंने कोविड-19 के समय भी मनरेगा के कार्यों को सुचारू रूप से चलाने के लिए मौके पर उपस्थित उप विकास आयुक्तों एवं प्रखंड विकास पदाधिकारियों को शुभकामनाएं और बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत अधूरे आवासों को पूरा करना हम सभी की जिम्मेदारी है। आवास प्लस योजनाओं के सेंशन में देर नहीं करें तथा बाबा भीमराव अंबेडकर एवं अधूरी इंदिरा आवास योजनाओं को इस माह तक पूरा करें। उन्होंने कहा कि 15 दिसंबर के बाद एक कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसमें बेहतर कार्य करनेवाले जिलों तथा प्रखंडों के अधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा। कहा, राज्य सरकार की ओर से मनरेगा के तहत सभी प्रखंडों में मनरेगा पार्क की स्थापना सुनिश्चित की गई है। इसके तहत एक ही जगह 15-20 एकड़ भूमि पर मनरेगा की सभी योजनाओं को सम्मिलित करना है। उन्होंने वाटर शेड योजनाओं की गुणवत्ता को हर हाल में सुनिश्चित करने पर बल दिया।
योजनाओं को गति देना “ग्रामीणों की आस, मनरेगा से विकास” अभियान का मुख्य उद्देश्यः राजेश्वरी बी
इस अवसर पर मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने “ग्रामीणों की आस, मनरेगा से विकास” अभियान के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह अभियान ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम एवं सचिव डॉक्टर मनीष रंजन के मार्गदर्शन में राज्य के 150 चिन्हित प्रखंडों में चलाई जा रही है। मनरेगा कार्यों की महत्ता को देखते हुए चिह्नित प्रखंडों में कार्य करने की संभावनाओं को मूर्त रूप देना ही इस अभियान का लक्ष्य है। मनरेगा की सभी योजनाओं का समयबद्ध तरीके से क्रियान्वयन हो, यह सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत पीएम आवास योजना ग्रामीण के लिए जिला, प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर निरंतर बैठक एवं कार्यशाला आयोजित कर योजनाओं को शत-प्रतिशत धरातल पर उतारने का काम किया जाएगा। मनरेगा आयुक्त ने कहा कि राज्य के 40 लाख श्रमिकों को इस अभियान के तहत प्रेरित कर मनरेगा की नई-नई योजनाओं से जोड़ने का कार्य करें। लाभुक श्रमिकों को यह भी जानकारी दें कि मनरेगा कार्य दिवस दर अब ₹198 से बढ़कर ₹225 हो चुका है। उन्होंने कहा कि पीएम आवास एवं आंगनबाड़ी भवन निर्माण तथा 15वें वित्त आयोग के कुछ कार्य अभी मनरेगा के तहत किए जा रहे हैं। इन कार्यों को प्रतिबद्धता के साथ लोगों तक पहुंचाना हम सभी का नैतिक जिम्मेदारी है। डाटा एनालिसिस तथा पंचायतों के बीच प्रतिस्पर्धा एवं ससमय पेमेंट का काम सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि “ग्रामीणों की आस, मनरेगा से विकास” अभियान के अंत तक हम इसके उद्देश्यों को हासिल करें, इस सोच के साथ काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने टीम मनरेगा पर विश्वास जताते हुए कहा कि इस अभियान को सफल बनाने में आप सभी की सहभागिता महत्वपूर्ण रहेगी।
मौके पर ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, सचिव डॉ मनीष रंजन, मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी एवं अपर सचिव राम कुमार सिन्हा ने कोविड-19 के समय मनरेगा योजनाओं के संचालन में अच्छे कार्य करने वाले उप विकास आयुक्त एवं प्रखंड विकास पदाधिकारियों को सम्मानित किया।
इस अवसर पर ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ मनीष रंजन, मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी, अपर सचिव ग्रामीण विकास विभाग राम कुमार सिन्हा, राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे उप विकास आयुक्त, विभिन्न प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी, मनरेगा के वरिष्ठ एवं कनिष्ठ पदाधिकारी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।