जमुई की दिव्यांग करीना के लिए ‘उम्मीद की किरण’ बन सामने आए मंत्री अशोक चौधरी
मंत्री डॉ. अशोक चौधरी ने दिया मदद का भरोसा
पटना : बिहार में पढ़ने और आगे बढ़ने की चाह लिए नौनिहालों की कई तस्वीर सामने आती रहती हैं। अब ऐसे में जमुई जिले के नक्सल प्रभावित खैरा प्रखंड अंतर्गत कागेश्वर गांव की करीना की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। करीना की उम्र सिर्फ दस वर्ष है और वह जन्म से दिव्यांग है। इतनी छोटी उम्र में इस दिव्यांग बच्ची का हौसला देखने लायक है। करीना के दोनों हाथ में 10 की जगह केवल एक उंगली है। करीना के सिर्फ बाएं हाथ में ही एक अंगूठा है। उंगलियां नहीं होने के बावजूद भी करीना की सिर्फ एक ही चाहत है। करीना के सिर्फ एक अंगूठे के आगे उसकी सारी मुश्किलें उसके लिए बौनी है। वह पढ़ना चाहती है। करीना की लिखावट भी बहुत अच्छी है। वह बाएं हाथ के एक अंगूठे के सहारे लिखती है। बच्ची सुंदर लिखावट देख सभी आश्चर्यचकित हैं। वह छठी कक्षा में पढ़ती है और हर दिन स्कूल भी जाती है। करीना कहती है कि वह डॉक्टर बनना चाहती है, वह भी इसलिए कि गरीब लोगों की सेवा कर सके। वह कहती है कि मेरे परिवार के पास भी पैसा होता तो इलाज करवा कृत्रिम हाथ लगवा लेते। करीना के पिता अजय ट्रक चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं।
बिटिया के पढ़ाई की उचित व्यवस्था की जायेगी : अशोक चौधरी
सोशल मीडिया में करीना का वीडियो वायरल होने पर बिहार सरकार के मंत्री डॉ. अशोक चौधरी ने संज्ञान लिया है और वह दिव्यांग बच्ची के लिए उम्मीद की किरण बन कर सामने आए। मंत्री डॉ. अशोक चौधरी ने ट्विटर पर लिखा- “शारीरिक अक्षमता या दिव्यांगता किसी के बेहतर शिक्षा की राह में रोड़ा न बनें इसके लिए हमारी सरकार कटिबद्ध है। बिटिया के पढ़ाई की उचित व्यवस्था की जायेगी।”
बता दें कि जमुई जिले के ही दिव्यांग सीमा का एक पैर से कूदते हुए स्कूल जाने का वीडियो वायरल होने पर भी मंत्री डॉ. अशोक चौधरी बच्ची के मदद के लिए आगे आये थे। उनके पहल पर सीमा को कृत्रिम पैर लगाया गया। उन्होंने सीमा के आगे की पढ़ाई की व्यवस्था कराने का भी भरोसा दिया है।