
Bharat varta desk: मगध विश्वविद्यालय के बहुचर्चित करोड़ों के खरीद घोटाले में विशेष निगरानी इकाई ने शिकंजा कस दिया है। विभाग में आज एक बड़ी कार्रवाई की है। घोटाले में संलिप्त रजिस्टार पीके बर्मा, प्रॉक्टर जयनंदन सिंह,ई लाइब्रेरी के इंचार्ज और हिंदी के वरिष्ठ प्राध्यापक विनोद सिंह समेत कुलपति के सचिव सुबोध कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। निगरानी करवाई से मगध विश्वविद्यालय में हड़कंप मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि अगली बारी कुलपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की है जो अभी मेडिकल लीव में चल रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चारों आरोपियों को पटना के विशेष निगरानी इकाई में पूछताछ के लिए बुलाया गया था मगर बाद में उन्हें सहयोग नहीं करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। कोट बंद हो जाने के कारण उनकी पेशी नहीं हो पाई। इसीलिए आज उन्हें निगरानी थाने में ही रखा गया है।
यह मामला 30 करोड़ के खरीद घोटाले से जुड़ा हुआ है। पिछले दिनों निगरानी इकाई की टीम ने कुलपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के बोधगया स्थित कार्यालय से लेकर गोरखपुर स्थित पैतृक आवास पर छापेमारी की थी। इसमें एक करोड़ से अधिक कैश बरामद हुए थे। और भी कई तरह की भारी अनियमितताएं उजागर हुई थीं। इस मामले में निगरानी थाने में केस दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि घोटाले के मुख्य आरोपी कुलपति का जेल जाना तय है। हालांकि वे बचने के लिए मेडिकल लीव पर चले गए हैं।
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