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30 लाख करोड़ निर्यात ऐतिहासिक, मन की बात में बोले प्रधानमंत्री

  • मन की बात का 87वां एपिसोड
  • रेडियो पर जनता से पीएम का संवाद

Bharat varta desk: मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि हमने 30 लाख करोड़ निर्यात का ऐतिहासिक लक्ष्य हासिल किया है। इस उपलब्धि न हमारे मन को गर्व से भर दिया हैपी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका मतलब है कि दुनिया भर में भारत की बनी चीजों की मांग बढ़ रही है। विदेशी भारतीय सामान को पसंद कर रहे हैं। इसका ‌दूसरा मतलब ये कि भारत की सप्लाई दिनों-दिन और मजबूत हो रही है और इसका एक बहुत बड़ा सन्देश भी है। एक समय में भारत से निर्यात का आंकड़ा कभी 100 बिलियन, कभी डेढ़-सौ बिलियन, कभी 200 सौ बिलियन तक हुआ करता लेकिन आज, भारत 400 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश, विराट कदम तब उठाता है जब सपनों से बड़े संकल्प होते हैं। 

पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लोगों का ये सामर्थ्य अब दुनिया के कोने-कोने में, नए बाजारों में पहुंच रहा है। इसकी बदौलत ही हम 400 बिलियन डॉलर का लक्ष्य हासिल कर सके हैं. पीएम ने कहा कि कामयाबी की यह list बहुत लम्बी है। यह Make in India की ताकत है,। उतना ही विराट भारत का सामर्थ्य है।

चोरी की गई प्रतिमाएं विदेशों से वापस लाई गई

मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा है कि विदेशों से हमने अपनी चोरी हुई कलाकृतियों को वापस लाया है। साल 2013 तक 13 प्रतिमाएं विदेशों से भारत आई थी लेकिन पिछले 7 साल में 200 से ज्यादा चोरी हुई प्रतिमाएं हमने, अमेरिका, सिंगापुर, जैसे देशों से वापस लाया है।

बच्चों से पानी बचाने की अपील

पीएम मोदी ने बच्चों से जल संरक्षण अभियान में जुड़ने की अपील की है. पीएम मोदी ने कहा कि स्वच्छता अभियान से जुड़कर जैसे बच्चों ने इसे आंदोलन का रूप दे दिया उसी तरह जल संरक्षण अभियान से जुड़कर बच्चे बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि कवि रहीम बहुत ही पहले कह गए हैं रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।

पीएम मोदी ने कहा कि साथियो, मैं तो उस राज्य से आता हू, जहां पानी की हमेशा बहुत कमी रही है. गुजरात में इन Stepwells को वाव कहते हैं.। गुजरात जैसे राज्य में वाव की बड़ी भूमिका रही है | इन कुओं या बावड़ियों के संरक्षण के लिए ‘जल मंदिर योजना’ ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में हमारे देश के हर जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवर बनाए जा सकते हैं। कुछ पुराने सरोवरों को सुधारा जा सकता है। कुछ नए सरोवर बनाए जा सकते हैं। मुझे विशवास है, आप इस दिशा में कुछ ना कुछ प्रयास जरूर करेंगे।

Ravindra Nath Tiwari

तीन दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय। 17 साल हिंदुस्तान अखबार के साथ पत्रकारिता के बाद अब 'भारत वार्ता' में प्रधान संपादक।

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