
नई दिल्ली: तिलकामांझी का स्मारक देश में भी बनेगा और वहां भी बनेगा, जहां ( बिहार के भागलपुर में)उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत से लड़ते हुए शहादत दी। इसके बारे में सरकार से बातचीत की जाएगी और उसे अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। यह बात आज गांधी शांति प्रतिष्ठान, नई दिल्ली में अंग मदद फाउंडेशन और स्पेशल कवरेज न्यूज़ की ओर से आयोजित तिलकामांझी राष्ट्रीय सम्मान समारोह में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम ने अपने उद्घाटन भाषण के दौरान कहीं। उन्होंने इस मौके पर सभी से आग्रह किया कि वे तिलकामांझी जैसे शहीदों को न सिर्फ याद करें बल्कि अपने परिवार और मित्रों के बीच भी उनकी शहादत की चर्चा करें। मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद गांधी शांति प्रतिष्ठान की पूर्व अध्यक्ष राधा भट्ट ने तिलका मांझी और शुभकरण चूड़ीवाला के योगदान को याद करते हुए कहा कि यह देश तब बचेगा जब ऐसे स्वाधीनता सेनानियों के त्याग तपस्या को न सिर्फ याद किया जाएगा बल्कि उसे अपने आचरण में ढालना होगा। समारोह की अध्यक्षता साहित्यकार सविता चड्ढा ने की।
स्वागत भाषण स्पेशल कवरेज न्यूज़ के संपादक शिव कुमार मिश्रा ने किया। अंग मदद फाउंडेशन की सचिव वंदना झा, वरिष्ठ पत्रकार प्रसून लतांत और अंग मदद फाउंडेशन के कार्यक्रम अधिकारी अस्तित्व झा,अधिवक्ता मनीष कुमार गुप्ता ने भी विचार रखे। इस मौके पर 30 लोगों को सम्मानित किया गया।
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