बड़ी खबर

स्वतंत्रता आंदोलन में बिहार- झारखंड के योगदान को केके दत्त ने दुनिया के सामने लाया- पीके मिश्रा, इतिहासकार के गांव पहुंचे रेलवे के जीएम

Bharat varta desk:
भारतीय रेल सेवा के वरिष्ठ अधिकारी, इतिहास लेखक और रायबरेली आधुनिक रेल कोच कारखाना के महाप्रबंधक पीके मिश्रा ने कहा है कि प्रोफेसर केके दत्त ही भारत के ऐसे इतिहासकार हैं जिन्होंने
आजादी की लड़ाई में बिहार और झारखंड के योगदान को सही रूप में दुनिया के सामने लाने का काम किया है। उन्होंने भारतीय आजादी की पहली लड़ाई 1855 -56 के संथाल हूल और 1857 के सिपाही विद्रोह के संबंध में सबसे प्रामाणिक किताबें लिखीं हैं। बिहार में स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास पर बहुत कुछ लिखा जो आज इतिहास की थाती है।
वे झारखंड के पाकुड़ जिले अंतर्गत प्रोफेसर दत्त के पैतृक गांव झिकरहाटी में बुद्धिजीवियों एवं ग्रामीणों को संबोधित कर रहे थे। गांव में स्थित केके दत्त मेमोरियल हाई स्कूल में “इतिहास लेखन में प्रोफेसर के के दत्त के योगदान” विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन पाकुड़ की संस्था पंचवटी गीता परिवार की ओर से किया गया था।

इतिहास लेखन में प्रोफेसर के के दत्त के योगदान विषय पर संगोष्ठी

संगोष्ठी में रेल के इतिहास पर शोध करने वाले रेल अधिकारी पीके मिश्रा ने इतिहास की कई नई जानकारियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इतिहास लेखन में प्रोफेसर दत्त के योगदानों को महान बताते हुए कहा कि वे तथ्यों और वास्तविक स्रोतों पर इतिहास लिखने वाले प्रमाणिक इतिहासकार थे। उन्होंने पहली बार इस तथ्य को प्रकाश में लाया कि आजादी की लड़ाई में रेलवे की सबसे अहम भूमिका रही है। रेल निर्माण कंपनियों के द्वारा संथालों के साथ किया जाने वाला अमानवीय व्यवहार संथाल विद्रोह का तात्कालिक कारण बना था। इस विद्रोह को दबाने के लिए पहली बार ट्रेनों से सैनिक ढोए गए थे।

ऐतिहासिक धरोहरों के प्रति उपेक्षा ठीक नहीं

पीके मिश्रा जी ने यह भी बताया कि रेलवे के ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण और इतिहास लेखन की प्रेरणा उन्हें यूरोप यात्रा के दौरान मिली थी। आसनसोल का डीआरएम रहते उन्होंने यूरोप के कई देशों की यात्रा की थी। वहां उन्होंने यह देखा था कि कैसे यूरोप के लोग अपने सभ्यता और संस्कृति से जुड़े भवनों को सुरक्षित , संरक्षित और सम्मानित करते हैं। वियना में उन्होंने opera house देखा जहां यूरोप के लोग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं और आनंद लेते हैं। वहां उन्हें इस बात का बहुत मलाल हुआ कि अपने देश में एक से एक धरोहर उपेक्षित पड़े हैं। उन्होंने पाया कि opera house आसनसोल स्थित डूरंड इंस्टीट्यूट से मिलता जुलता है जो उस समय बेहद ही खस्ता हाल में था। उन्होंने आसनसोल लौटकर सबसे पहले अंग्रेज जमाने के सांस्कृतिक आयोजन वाले डूरंड इंस्टीट्यूट बिल्डिंग के कायाकल्प की योजना बनाई और जल्द ही उसका नवनिर्माण कर उसे एक भाव भवन के रूप में तब्दील कर दिया, जहां कि आज बड़े आयोजनों के लिए कतार लगी रहती है और रेलवे को काफी राजस्व प्राप्त होता है। उसके बाद उन्होंने रेलवे के कई पुराने बिल्डिंगों का जीर्णोद्धार कर उन्हें संरक्षित किया। ऐतिहासिक धरोहरों को सजाने और संवारने के दौरान उन्होंने उनके इतिहास को खगालना शुरू किया। इसी क्रम में उन्होंने इतिहास के हजारों पन्नों को पढ़ा। ब्रिटिश कालीन दस्तावेजों को खगालने का काम किया। इस दौरान उन्हें केके दत्त के रूप में एक अत्यंत ही विश्वसनीय इतिहासकार की कृतियों से रूबरू होने का मौका मिला। उन्होंने केके दत्त की कई किताबों को पढ़ा है। पीके मिश्र जी ने बताया कि केके दत्त मगध विश्वविद्यालय और दो दो बार पटना विश्वविद्यालय के कुलपति रहे।
पीके मिश्रा बोले कि मेरा सौभाग्य है कि वह पाकुड़ जिले के महेशपुर राज के रहने वाले हैं और महेशपुर राज के जिस हाई स्कूल में उन्होंने पढ़ाई की है वहां के के दत्त के पिता सदानंद दत्त प्राचार्य हुआ करते थे।

झिकरहाटी को आदर्श गांव बनाए सरकार-डॉ. तिवारी

इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार और इतिहास लेखक डॉ रविंद्र नाथ तिवारी ने कहा कि प्रोफेसर के के दत्त बिहार- झारखंड के नहीं बल्कि देश के महान विभूति थे जिन्होंने भारतीय इतिहास को समृद्ध किया। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय के कुलपति, पटना कॉलेज के प्रिंसिपल, उच्च शिक्षा के निदेशक, पटना विश्वविद्यालय इतिहास विभाग के अध्यक्ष, अभिलेखागार के निदेशक समेत कई महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित किया। लेकिन उनका गांव झिकरहाटी आज उपेक्षित और बदहाल है। यह बुनियादी सुविधाओं से महरूम है। उनके नाम पर स्थापित स्कूल में 1200 छात्र- छात्राएं हैं मगर कोई सरकारी सहायता नहीं मिलती है। तिवारी ने मांग किया कि सरकार झिकरहाटी को आदर्श गांव घोषित करे और इसका सर्वांगीण विकास करे। उनके घर का अस्तित्व खत्म हो गया है मगर वह पारिवारिक दुर्गा मंदिर है जहां बैठकर वे लगातार कई दिनों तक ध्यान और पूजा किया करते थे। उसको संरक्षित कर ऐतिहासिक धरोहर घोषित किया जाना चाहिए। स्कूल परिसर में उनकी प्रतिमा जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है।
डॉक्टर तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार आजादी का अमृत काल मना रही है। इसीलिए इतिहासकार केके दत्त की स्मृतियां और धरोहरों को संरक्षित किए जाने का काम होना चाहिए।
पंचवटी गीता परिवार के सचिव और पत्रकार मनोज चौबे ने मंच का संचालन किया, स्कूल के प्राचार्य दिलीप घोष ने आगंतुकों का स्वागत किया।

केके दत्त की स्मृति में लगाए गए पंचवटी के पौधे

रेल अधिकारी पीके मिश्र, डा. तिवारी अन्य बुद्धिजीवियों ने मिलकर के के दत्त की स्मृति में स्कूल परिसर में पंचवटी के पौधे लगाए।पीपल, बेल, वट, आंवला व अशोक ये पांचों वृक्ष पंचवटी कहे गये हैं। प्रोफेसर दत्त की मूर्ति पर माल्यार्पण करो उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। मौके पर विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष मोहम्मद अब्बास अली, Dr.मनोहर कुमार,आशीष दुबे,संजय शुक्ला, शिक्षक सुविकंत सहा, मोहम्मद सूकमुद्दीन ,राजीव झा, श्रीमति शबरीपाल, महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष शबरी पाल समेत कई प्रमुख लोग मौजूद थे।

Ravindra Nath Tiwari

तीन दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय। 17 साल हिंदुस्तान अखबार के साथ पत्रकारिता के बाद अब 'भारत वार्ता' में प्रधान संपादक।

Recent Posts

पीएमओ निदेशक सौरभ शुक्ला को 1 साल का सेवा विस्तार

Bharat varta Desk भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा सेवा (आईएएंडएएस) के 2005 बैच के अधिकारी… Read More

11 hours ago

एनडीए का बिहार बंद

Bharat varta Desk महागठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान दरभंगा में कांग्रेस नेता के… Read More

19 hours ago

के कविता को उनके पिता के. चंद्रशेखर राव ने पार्टी से निकाला ल

Bharat varta Desk के. कविता को उनके पिता के. चंद्रशेखर राव ने भारत राष्ट्र समिति… Read More

3 days ago

गौतम कुमार सिंह ने नाबार्ड, बिहार क्षेत्रीय कार्यालय का कार्यभार संभाला

Bharat varta Desk गौतम कुमार सिंह, मुख्य महाप्रबंधक (सीजीएम) ने राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास… Read More

4 days ago

ACS एस. सिद्धार्थ का तबादला, बी राजेंद्र को शिक्षा विभाग का जिम्मा

Bharat varta Desk बिहार सरकार ने शीर्ष स्तर पर बड़े प्रशासनिक फेरबदल किए हैं. मुख्यमंत्री… Read More

6 days ago

जस्टिस डॉ एस एन पाठक झारखंड उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष नियुक्त

Bharat varta Desk झारखंड उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त जज डॉ एसएन पाठक को झारखंड… Read More

6 days ago