सवर्णों की उपेक्षा, भीतर ही भीतर सुलग रही भाजपा
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश, भाजपा कोटे के दो उप-मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद व रेणु कुमारी सहित 15 मंत्रियों ने आज शपथ ली है। एनडीए के नए मंत्रिमंडल में सवर्ण विधायक अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। खासकर भाजपा में आक्रोश देखा जा रहा है। भाजपा कोटे से दोनों उप-मुख्यमंत्री पिछड़ी जाति के हैं। तारकिशोर प्रसाद वैश्य हैं तो रेणु देवी नोनिया जाति से। मुख्यमंत्री समेत दोनों उपमुख्यमंत्री पिछड़ी जाति से
सवर्ण विधायकों की इच्छा थी कि कम से कम दो उप-मुख्यमंत्री में से एक सवर्ण कोटे से होना चाहिए था। दोनों विधायक जो उप-मुख्यमंत्री बने हैं, वे ज्यादा चर्चित चेहरे नहीं हैं। उन्हें सीधे उप-मुख्यमंत्री बना दिया जाना कई सवर्ण विधायकों व नेताओं को अखर रहा है। कई विधायकों ने यह भी दबे ज़ुबान कह रहे हैं कि पिछड़े कोटे से ही बनाना था तो किसी अनुभवी, तेजतर्रार व चर्चित चेहरे को उप-मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए था।
विधानसभा अध्यक्ष के पद पर नंदकिशोर यादव को बैठाया जाना तय हो गया है। इस तरह कहा जा सकता है कि सभी प्रमुख पदों पर पिछड़े वर्ग के ही होंगे। वहीं भाजपा के बड़े नेता यह दावा कर रहे हैं कि आगे मंत्रिमंडल विस्तार में सभी को भागीदारी दी जाएगी।
भाजपा में 31 सवर्ण विधायक, लेकिन उचित प्रतिनिधित्व नहीं
43 सवर्ण एनडीए में जीते हैं जिनमें 31 भाजपा के हैं। मतलब ये कि बीजेपी के 74 में से 31 सवर्ण हैं। 15 राजपूत, 8 भूमिहार, 5 ब्राह्मण, 3 कायस्थ। भाजपा में वैश्य विधायक 15 हैं बाकी पिछड़ी जाति 11 बाकी अति पिछड़ा और दलित।
बीजेपी कोटे से दो उप मुख्यमंत्रियों के अलावे जिन मंत्रियों ने शपथ ली है उनमें जीवेश मिश्र – भूमिहार , राम प्रीत पासवान – दलित, मंगल पांडेय – ब्राह्मण, रामासूरत राय – यादव और अमरेन्द्र प्रताप सिंह – राजपूत जाति के हैं।
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मंगल पांडेय, अमरेंद्र प्रताप सिंह और जीवेश मिश्र को आज शपथ ग्रहण कराने की योजना नहीं थी, मगर दोनों उप-मुख्यमंत्रियों के नाम आने के बाद जब सवर्ण नेताओं ने कल शाम से उपेक्षा का सवाल उठाना शुरू किया तब डैमेज कंट्रोल के तहत तीनों सवर्ण विधायकों को मंत्री के रूप में आज शपथ ग्रहण कराने का फैसला अंतिम चरण में लिया गया।