संसद की नई बिल्डिंग बनाएगा टाटा प्रोजेक्‍ट्स

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नई दिल्ली। संसद की नई इमारत बनाने की नीलामी टाटा प्रोजेक्ट्स (Tata Projects) ने जीत लिया है। संसद की नई इमारत बनाने का टेंडर 861.90 करोड़ रुपए का है सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (CPWD) ने बुधवार को इसका ऐलान किया कि संसद की नई इमारत बनाने का टेंडर किसे जाता है। टाटा प्रोजेक्ट्स ने 861.90 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी जबकि लार्सेन एंड टुब्रो (L&T) ने 865 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी।

संसद की नई इमारत नरेंद्र मोदी सरकार के सेंट्रल विस्टा रीडेवलपमेंट प्लान का हिस्सा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, संसद का मॉनसून सत्र खत्म होने के बाद संसद की नई बिल्डिंग का निर्माण कार्य शुरू होगा।

पिछले महीने सराकर ने तीन मुंबई की कंपनियों को शॉर्ट लिस्ट किया था। इनमें टाटा प्रोजेक्ट्स के अलावा लार्सेन एंड टुब्रो और शापोरजी पालोजजी कंपनी है।

नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट के तीन किलोमीटर इलाके में फैला है। गुजरात की आर्किटेक्चर कंपनी HCP डिजाइंस पहले ही सेंट्रल विस्टा के रीडेवलपमेंट का कंस्लटेंसी बिड जीत चुकी है। पिछले साल सितंबर में सरकार ने रीडेवलपमेंट का ऐलान किया था।

नए प्लान के तहत संसद की इमारत गोल नहीं बल्कि तिकोनी होगी। इसमें 900 से लेकर 1200 सांसदों के बैठने की व्यवस्था होगी। संसद की नई इमारत को अगस्त 2022 तक पूरा करने का टारगेट है जब देश अपना 75वां स्वाधिनता दिवस मनाएगा। संसद का कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट 2024 तक पूरा बन पाएगा।

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