विश्व हिंदी परिषद की विशाखापत्तनम में बैठक, हिंदी का प्रयोग बढ़ाने पर जोर

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Bharat varta desk:
विश्‍व हिंदी परिषद द्वारा दक्षिण भारत के प्रमुख शहर विशाखापत्तनम में सम्मेलन और बैठक का आयोजन किया गया। इसमें सरकारी और गैरसरकारी क्षेत्रों में हिंदी का प्रयोग बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया।

इस मौके पर विश्व हिंदी परिषद के अध्यक्ष एवं पूर्व राज्यसभा सांसद पद्म भूषण आचार्य वाई लक्ष्मी प्रसाद ने कहा कि भारत की संस्कृति बहुत महान है, आज पूरा विश्व भारत के संस्कृति को जानना चाहता है, संस्कृति को जानने के लिए हिंदी भाषा को सीखना चाहता है। ऐसे समय में हम सभी भारतीयों का दायित्व है कि हिंदी भाषा का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार करें , ताकि हिंदी भाषा विश्व भाषा के रूप में जल्द से जल्द स्थापित हो सके और भारत विश्व गुरु के रूप में पूरी दुनिया का मार्गदर्शन कर सके।
दक्षिण भारत-विशाखापत्तनम में हिंदी भाषा के प्रति लोगों का उत्साह देखकर यह स्पष्ट हो गया कि यह भविष्य में जल्द ही राष्ट्रभाषा के साथ ही विश्व भाषा का स्थान लेगी।

संस्था के महासचिव डॉ विपिन कुमार ने कहा कि परिषद के अध्यक्ष पद्म भूषण आचार्य लक्ष्मी प्रसाद जी के नेतृत्व में विश्व हिंदी परिषद न केवल दक्षिण भारत में अपितु देश विदेश में हिंदी में भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार में अपना महत्वपूर्ण योगदान देगी। विश्व हिंदी परिषद का मुख्य उद्देश्य है क्षेत्रीय भाषाओं को आगे बढ़ते हुए राष्ट्र स्तर पर राष्ट्र भाषा के रूप में हिंदी को स्थापित करना।



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