विपक्षी एकता का केंद्र बने स्टालिन, पीछे छूटे नीतीश,3 को चेन्नई में सामाजिक न्याय सम्मेलन बुलाया
Bharat varta desk: विपक्षी एकता के लिए पहल शुरू करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब इस मामले में पीछे छूट रहे हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन इसमें आगे आए हैं। उन्होंने 3 मई को चेन्नई में सामाजिक न्याय पर सम्मेलन आयोजित कर देशभर के विपक्षी नेताओं को जुटाने का कार्यक्रम बनाया है। लक्ष्य 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को रोकना और केंद्र सरकार की एजेंसियों के दुरुपयोग पर रोक लगाना है। विपक्षी नेता केंद्र पर सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स जैसी एजेंसियों का विरोधियों के खिलाफ इस्तेमाल का आरोप लगा रहे हैं। ताजा मामला राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने से भी जुड़ा हुआ है। राहुल के मुद्दे पर भी विपक्षी दल केंद्र के खिलाफ हुंकार भर रहे हैं।
लेकिन इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सुर अलग है । राहुल के मुद्दे पर उन्होंने जहां कुछ बोलने से इनकर किया है वही यह भी कहा है कि यह कोर्ट का मामला है। यहां सबसे दिलचस्प बात यह भी है कि स्टालिन के निमंत्रण पर बिहार के उप मुख्यमंत्री और राजद के नेता तेजस्वी यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव का जाना तय माना जा रहा है मगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार या उनकी पार्टी जनता दल यू के किसी भी प्रतिनिधि के सम्मेलन में शामिल होने की चर्चा अभी तक नहीं हो रही है।
इसके पहले स्टालिन ने अपने जन्मदिन पर उत्तर भारत के राजनीतिक दलों के प्रमुखों को आमंत्रित करके भाजपा के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत गठबंधन बनाने का संदेश दिया था।
अब वे सामाजिक न्याय सम्मेलन के जरिए विपक्षी एकता को मजबूत बनाने की कोशिश कर रहे हैं।यह सम्मेलन 3 अप्रैल को चेन्नई में होगा और सम्मेलन का विषय “भारत में सामाजिक न्याय को आगे ले जाना” है, जिसमें स्टालिन मुख्य वक्ता होंगे। ‘ऑल इंडिया फेडरेशन फॉर सोशल जस्टिस’ के बैनर तले आयोजित की जा रही है।
इसमें सबसे खास यह है कि बीजू जनता दल (बीजद) और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) शामिल होंगे, जो अब तक विपक्षी एकता की मुहिम से बाहर चल रहे थे।
बताया जा रहा है कि अभी तक जिंदल ने सम्मेलन में भाग लेने की स्वीकृति प्रदान की है उनमें कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), समाजवादी पार्टी (सपा), वाईएसआरसीपी, बीजद, शामिल हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC), भारत राष्ट्र समिति (BRS),भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI),CPI (मार्क्सवादी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), आम आदमी पार्टी (AAP), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML),और मारुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके)। झामुमो का प्रतिनिधित्व झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राजद का प्रतिनिधित्व बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव करेंगे, जबकि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी अपनी भागीदारी की पुष्टि की है। बीजद का प्रतिनिधित्व सस्मित पात्रा, वाईएसआरसीपी का प्रतिनिधित्व आंध्र प्रदेश के शिक्षा मंत्री ए. सुरेश और टीमसी का प्रतिनिधित्व डेरेक ओ ब्रायन करेंगे।