लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी बोले-140 करोड़ लोग भारत को विकसित बनाएंगे
Bharat varta desk
देश आज अपना 78वांस्वतंत्रता दिवसमना रहा है। इस मौके पर पीएम मोदी ने देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार 11वीं बार दिल्ली के लाल किले पर पहुंचकर तिरंगा झंडा फहराया। इस दौरान लाल किले की प्राचीर से उन्होंने हाथ हिलाकर वहां मौजूद लोगों का अभिनंदन किया। ‘भारत माता की जय’ के साथ पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि जन-जन की सेवा करना हमारा संकल्प है। जन जन की सेवा से विकसित भारत बनाएंगे। हमने देश को नया आत्मविश्वास दिया। अगली पीढ़ी पर काम नहीं टाल सकते। आज आजादी के दीवानों को नमन करने का दिन है। स्वतंत्रता सेनानियों का तहे दिल से नमन है। पीएम मोदी ने लाल किले से संबोधन में कहा कि2047 सिर्फ शब्द नहीं हैं। इसके पीछे कठोर परिश्रम चल रहा है। लोगों को सुझाव लिए जा रहे हैं। इसके लिए लोगों ने अनगिनत सुझाव दिए हैं। हर देशवासी का सपना उसमें प्रतिबिंबित हो रहा है। युवा हो, बुजुर्ग हो, गांव के लोग हों, शहर में रहने वाले, किसान, आदिवासी, दलित, महिलाएं, हर किसी ने 2047 में जब देश विकसित भारत की आजादी का पर्व मनाएगा तो हर व्यक्ति का उसमें योग्यता होगा। किसी ने स्किल कैपिटल बनाने का सुझाव रखा, किसी ने भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का, किसी ने विश्वविद्यालयों को वैश्विक स्तर बनाने का सुझाव दिया.
लाल किला के प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि परिवार के बीच जब स्वच्छता वातावरण बन जाए तो ये भारत के अंदर आई नई चेतना का प्रतिबिंब है। आज हमारे देश में तीन करोड़ परिवार ऐसे हैं, जिन्हें नल से जल मिल रहा है। आज 15 करोड़ परिवार इसके लाभार्थी बन रहे हैं. कौन वंचित थे, इन व्यवस्थाओं से। इनमें दलित, आदिवासी, गरीब लोग इन चीजों के अभाव में जी रहे थे। हमने प्राथमिक आवश्यकताओं के लिए जो प्रमाण दिया, उसका लाभ जनता को मिल रहा है। हमने वोकल फॉर लोकल का मंत्र दिया। वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट का विचार दिया। इसका प्रभाव दिखने लगा है.’
लाल किला के प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि विकसित भारत के लिए एक सुविचारित प्रयास हो रहा है। जब राजनीतिक नेतृत्व का दृढ़ विश्वास हो और सरकारी मशीनरी उस सपने को पूरा करने के लिए जुट जाता है और इसमें जनभागीदारी हो जाए तो निश्चित परिणाम मिलता है। जब चलता है वाली सोच होती है तो लोग जो है उसी से गुजारा कर लो। यही माहौल बन गया था। हमें इस मानसिकता को तोड़ना होगा। हमें विश्वास से भरना था। हमने उस दिशा में प्रयास किया है। लोग कहते थे कि अगली पीढ़ी का हम इंतजार क्यों करें हम तो आज का देखें। हमें जिम्मेदारी दी गई और हमने बड़े सुधार जमीन पर उतारे। गरीब हो, मिडिल क्लास हो, हमारी बढ़ती शहरी आबादी हो, युवाओं के सपने और आंकाक्षाएं हों। हमने सुधार की राह चुनी। हम देशवासियों को यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि हमारे सुधार चार दिन की वाहवाही के लिए नहीं है। ये किसी मजबूरी में नहीं हैं, देश को मजबूती देने के लिए है।’
लाल किला के प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैं एक छोटा सा उदाहरण देना चाहता हूं। पहले बैंकिंग क्षेत्र का न विस्तार होता था ना विकास होता था। बैंकिंग सेक्टर संकट में था। हमने बैंकिंग सेक्टर को विकसित बनाने के लिए कई सुधार किए। आज हमारा बैंकिंग सेक्टर मजबूत है। जब बैंक मजबूत होते हैं तो संगठित अर्थव्यवस्था भी मजबूत होती है। देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर करने की सबसे बड़ी ताकत बैंकिंग सेक्टर में होती है। किसान, युवा, पशुपालक, रेहड़ी-पटरी वाले लाखों लोग बैंकों से जुड़कर नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहे हैं। हमारे एमएसएमई, लघु उद्योगों के लिए बैंक सबसे सहायक होते हैं। ‘
‘साथियों से दुर्भाग्य से हमारे देश में आजादी तो मिली लेकिन लोगों को एक प्रकार के माई बाप कल्चर से जूझना पड़ा। सरकार से मांगते रहे, सरकार के सामने हाथ फैलाते रहो। आज हमने गवर्नेंस के मॉडल को बदला है। आज सरकार खुद जनता के पास जाती है। सरकार खुद गैस, बिजली पानी, पहुंचाती है। सरकार खुद नौजवान के स्किल डेवलपमेंट के लिए कदम उठा रही है।’