
Oplus_131072
bharat varta desk
सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बी वी नागरत्ना ने शनिवार (03 अगस्त) को कहा कि भारत में राज्यपाल वहां भूमिका निभा रहे हैं जहां उन्हें नहीं निभाना चाहिए और जब उन्हें सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए तब वे निष्क्रिय हैं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में राज्यपालों के खिलाफ मामलों को एक दुखद कहानी बताया.
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने अपने राज्यपालों के विधेयकों को मंजूरी न देने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और कोर्ट ने एक अलग मामले में संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राज्यपालों को आपराधिक अभियोजन से दी गई छूट के प्रश्न की जांच करने पर सहमति व्यक्त की है.
बेंगलुरु के अंदर एनएलएसआईयू पैक्ट कॉन्फ्रेंस में भाषण देते हुए जस्टिस नागरत्ना ने कहा, , “राज्यपाल से कुछ काम किए जाने की अपेक्षा की जाती है. हम अपने संविधान में राज्यपाल को शामिल करना चाहते हैं क्योंकि हमें लगता है कि अगर राज्यपाल वास्तव में अपने कर्तव्यों के प्रति सचेत है और वह अच्छी तरह से काम करता है तो यह संस्था परस्पर विरोधी समूहों के बीच किसी तरह की समझ और सामंजस्य लाएगा. यह केवल इसी उद्देश्य के लिए प्रस्तावित है. शासन का विचार राज्यपाल को पार्टी की राजनीति, गुटों से ऊपर रखना है और उसे पार्टी के मामलों के अधीन नहीं करना है.”
सुप्रीम कोर्ट के जज की यह टिप्पणी कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत और राज्य की कांग्रेस सरकार के बीच कथित MUDA साइट आवंटन घोटाले को लेकर चल रही असहमति के बीच आई है, जिसमें मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती का नाम सामने आया है. गहलोत ने पिछले हफ़्ते सिद्धारमैया को कारण बताओ नोटिस जारी किया था
Bharat varta Desk प्रधानमंत्री कार्यालय का नाम बदल गया है. अब इसे ‘सेवा तीर्थ’ के… Read More
पटना, भारत वार्ता संवाददाता : बिहार की राजधानी पटना एक बार फिर साहित्य, संस्कृति और… Read More
Bharat varta Desk गया के विधायक प्रेम कुमार बिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष होंगे। … Read More
Bharat varta Desk बिहार में एक बार फिर एनडीए सरकार बनने के बाद सीएम नीतीश… Read More
-रायबरेली रेल कोच कारखाना के जीएम ने पूर्व रेलवे के इतिहास की दी महत्वपूर्ण जानकारी-हावड़ा… Read More
पटना। बिहार की ऐतिहासिक और साहित्यिक पहचान को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य… Read More