मोदी मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा, ललन और आरसीपी दिल्ली गए, चिराग ने पीएम को भेजा पत्र
पटना, भारत वार्ता संवाददाता : केंद्रीय कैबिनेट में बदलाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है। मोदी कैबिनेट में अब अगले एक या दो दिनों में बदलाव हो सकता है। कई नेताओं को नई दिल्ली बुलाया जा रहा है, जबकि केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत को अब राज्यपाल बना दिया गया है। ऐसे में संकेत साफ है कि इस बार कई मंत्रियों को बदला जा सकता है और बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक, कैबिनेट का विस्तार 8 जुलाई यानी गुरुवार को सुबह 10.30 बजे हो सकता है।
दिल्ली में जहां मोदी कैबिनेट को लेकर तमाम नेताओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। बिहार के भी कुछ नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल होने की चर्चा है। भाजपा से पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को मंत्री बनाये जाने की चर्चा है। वहीं इन चर्चाओं के बीच बिहार से जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह भी दिल्ली गए हैं। लेकिन, आरसीपी सिंह को लेकर बताया जा रहा है कि वो दिल्ली चर्चा करने के लिए गए हैं, शपथ लेने के लिए नहीं गए हैं। वहीं, नीतीश कुमार के बेहद करीबी सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह भी दिल्ली गए हैं। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ललन सिंह के परिवार में एक समारोह है। लेकिन, पारिवारिक समारोह को छोड़ ललन सिंह दिल्ली गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि ललन सिंह मंत्रिमंडल में शामिल होंगे।
चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आपत्ति जताते हुए चाचा पशुपति पारस को मंत्री नही बनाने को कहा है। चिराग ने पत्र में कहा है कि अगर ऐसा होता है तो एलजेपी इसे कोर्ट में चुनौती देगी। बता दें कि पशुपति कुमार पारस को एलजेपी कोटे से मंत्री बनाने पर चिराग पासवान आपत्ति कर रहे हैं। वे कह रहे हैं उन्हें निर्दलीय या जेडीयू कोटे से मंत्री बनाया जाए। लेकिन पशुपति कुमार पारस को तो स्पीकर ने एलजेपी लोक सभा दल के नेता के रूप में मान्यता दी है और चिराग पासवान को इस पद से हटा दिया गया।
असम के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सर्बानंद सोनोवाल भी दिल्ली पहुंच चुके हैं। कई अन्य राज्यों के नेता भी दिल्ली पहुंच चुके हैं। थावरचंद गहलोत के राज्यपाल बनने से ऐसे नेता के लिए मंत्री बनने का रास्ता खुल गया जो अभी सांसद नहीं हैं। गहलोत की राज्य सभा सीट का तीन साल का कार्यकाल बाकी है। कैलाश विजयवर्गीय, दिनेश त्रिवेदी और जितिन प्रसाद दावेदार माने जा रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया और भूपेंद्र यादव भी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं। उत्तर प्रदेश चुनाव के मद्देनजर वहां से भी कुछ नेता मंत्रिमंडल में शामिल होंगे।