मेवालाल के इस्तीफे के बाद जदयू का तेजस्वी पर काउंटर अटैक, कहा- वो भी नैतिकता दिखाएं और इस्तीफा दें
पटना। नीतीश सरकार के नए विवादित शिक्षा मंत्री मेवलाल चौधरी का इस्तीफे के बाद अब जदयू नेताओं ने राजद नेता तेजस्वी यादव पर काउंटर अटैक किया है। शनिवार को प्रदेश जदयू कार्यालय में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह एवं कार्यकारी अध्यक्ष व मंत्री अशोक चौधरी ने पार्टी प्रवक्ताओं की टीम के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और तेजस्वी यादव पर जमकर प्रहार किया।
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि मेवालाल चौधरी को इस्तीफे के लिए मैं धन्यवाद देता हूं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजनीतिक पवित्रता का हमेशा ख्याल रखा है। खासकर तब जब कोई भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। जीतनराम मांझी, आरएन सिंह और रामधार सिंह के मामले में भी पूर्व में कार्रवाई हुई थी। उन्होंने कहा कि मेवालाल चौधरी पर तेजस्वी यादव बोल रहे हैं। ऐसे मामले पर तेजस्वी यादव को बोलने का अधिकार नहीं है। लंबे समय तक विपक्ष के नेता रहे हैं। किसी मर्यादा का पालन नहीं किया। क्या लोगों को बताएंगे, स्वयं कोई उदाहरण सेट करेंगें।
जदयू के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष व मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि हमारे नेता नीतीश कुमार ने 3 C – क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज्म पर कभी समझौता नहीं करने की बात कही है। मेवालाल चौधरी का मामला इसका उदाहरण है। 16 को शपथ लेते हैं, 17 को मेवालाल चौधरी पर मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी जाती है। 19 को मेवालाल चौधरी का इस्तीफा हो जाता है। उन्होंने कहा कि हमारे ऊपर उंगली उठाने वाले को नैतिक अधिकार नहीं है। जो धाराएं मेवालाल पर लगीं, वही धाराएं तेजस्वी यादव पर भी लगी हैं। तेजस्वी यादव भी उदाहरण प्रस्तुत करें, ये हमारी मांग है।
जदयू प्रवक्ता व पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि तेजस्वी यादव जनादेश नहीं मिलने का मातम मना रहे हैं। जब हम इंजेक्शन देते हैं तो दर्द होता है तो आपकी आह निकलती है और जनता वाह बोलती है। भ्रष्टाचार के मामले में चार्जशीटेड और बेल पर रहे तेजस्वी यादव अपने ऊपर लगे धाराओं को पढ़कर बताएं।
जदयू प्रवक्ता डॉ. अजय आलोक ने कहा कि चुनाव खत्म हुआ है, लड़ाई खत्म नहीं हुई है। लालू का चेहरा जो अपराध, भ्रष्टाचार का द्योतक है वहीं दूसरा चेहरा नीतीश कुमार का शांति और समृद्धि का प्रतीक है। इस पर ही जनता को तय करना है कि आने वाले दिनों में किसकी सुनेंगे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि राजनीति से जुड़े नेताओं के ऊपर लगे आपराधिक मामलों की स्पीडी ट्रायल चलाए। चुनाव आयोग से कहा कि तेजस्वी और तेजप्रताप के दिए गलत हलफनामे पर जल्द फैसला ले। आयोग क्यों चुप है।