” भवर भावनाओं का”के लोकार्पण के मौके पर वक्ता बोले कविताएं ऊर्जा की अजस्र स्रोत

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Bharat varta desk:
प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित , श्री आलोक मिचयारी की कविताओं का संग्रह – ” भवर भावनाओं ” का लोकार्पण आज झारखंड की राजधानी रांची में संपन्न हुआ। लोकार्पण समारोह का शुभारंभ पादरी नीरल बागे की प्रार्थना तथा चोनहास कुजूर,जेनेरल सेक्रेटरी, रांची वाई. एम. सी. ए. के स्वागत भाषण से हुआ। इस मौके पर शहर के प्रमुख समाजसेवी और एमबीबीएस डॉ असलम परवेज ने कहा कि कविताएं ऊर्जा की अजस्र श्रोत होती हैं। लिखने वाले और सुनने वाले दोनों के लिए कविताएं प्रेरणा, उत्साह, उमंग का संचार करने वाली होती हैं। कविताएं लोगों में निराशा की जगह आशा जगाती हैं। आजादी की लड़ाई में वीर रस और देशभक्ति की कविताएं आजादी की लड़ाई लड़ने वालों के लिए प्राण वायु के समान होती थीं। क्रांति की अलख जगाने में और भारत को आजाद कराने में कविताओं का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रहा है। डॉक्टर असलम परवेज ने कहा कि कविताओं के माध्यम से प्राचीन काल से अन्याय, अत्याचार, अनाचार, सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लेखक और साहित्यकारों ने संघर्ष किया। भारत के कई शासक भी कभी हुए। फिल्म निर्देशक डॉ इकबाल दुर्रानी ने भी कविताओं के महत्व पर प्रकाश डाला।
इस मौके पर झारखंड पुलिस के अपर पुलिस महानिदेशक आर. के. मल्लिक,बिशप श्रीमंत तिर्की, जी. इ. एल. चर्च,राची,
प्रवीण होरो सिह, ए. जी. पी. सांख्यकी व योजना मंत्रालय – भारत सरकार, उषा किरण कनडुलना,डी. आई. जी. सी. आर. पी. एफ. समेत कई गणमान्य लोगों ने शिरकत किया।

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