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बेल नियम है और जेल अपवाद’ का रूल सीजेआई ने अदालतों को याद दिलाया

Bharat varta Desk

के उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई का कहना है कि ‘बेल नियम है और जेल अपवाद है’ यह एक वैधानिक सिद्धांत है। इसका पालन अदालतों में पिछले दिनों बंद हो गया था। चीफ जस्टिस ने केरल हाई कोर्ट में आयोजित जस्टिस वीआर कृष्ण अय्यर मेमोरियल लेक्चर में यह बात कही। उन्होंने कहा कि बेल नियम है और जेल अपवाद इस सिद्धांत को भुलाने की कोशिश हुई, लेकिन मैंने मनीष सिसोदिया, के. कविता और प्रबिर पुरकायस्थ मामले में इसे याद दिलाया। उन्होंने कहा, ‘जस्टिस कृष्ण अय्यर का पूरी मजबूती से यह मानना था कि अंडरट्रायल लोगों को जेल में नहीं रखना चाहिए। बिना ट्रायल के उन्हें लंबे समय तक जेल में रखना सही नहीं है।’

Ravindra Nath Tiwari

तीन दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय। 17 साल हिंदुस्तान अखबार के साथ पत्रकारिता के बाद अब 'भारत वार्ता' में प्रधान संपादक।

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