पीरपैंती रेल पुल निर्माण में देरी पर रेल यात्री संघ का महाधरना 7 को
भागलपुर संवाददाता
पीरपैंती में उल्टा पुल संख्या 91 के निर्माण में हो रही देरी और रेल से जुड़ी अन्य समस्याओं के निराकरण के लिए केंद्रीय रेलवे रेल यात्री संघ द्वारा आगामी 7 फरवरी को पीरपैंती स्टेशन पर धरना दिया जाएगा। देवीबाबू धर्मशाला में मंगलवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में केंद्रीय रेलवे रेल यात्री संघ के अध्यक्ष विष्णु खेतान, सलाहकार डॉ राजेश तिवारी, डीयूआरसीसी मालदा के मेंबर अभिषेक जैन ने कहा कि पुल को टूटे एक साल बीत गए। फिर भी निर्माण शुरू नहीं हुआ है। यह ओवरब्रिज 12 दिसम्बर 2019 को तोड़ा गया था। इस पुल के टूटने से इलाके के लोगों को शारीरिक और मानसिक यातना से जूझना पड़ रहा है। रेल प्रशासन जान बूझकर ओवरब्रिज का बजट बढ़ाने के लिए निर्माण कार्य में देरी कर रहा है।
ट्रेनों में चोरी की घटनाएं
उन्होंने कहा कि भागलपुर से चलने वाली सभी एक्सप्रेस और मेल ट्रेनों में एसी मैकेनिकल स्टाफ के कारण आए दिन एसी कोच में चोरी की घटनाओं बढ़ गई है। क्योंकि मैकेनिकल स्टाफ अपनी ड्यूटी को पूरी जवाबदेही के साथ नहीं निभा पा रहे हैं। अधिकांश ट्रेनों में रात्रि के समय सभी स्टाफ सोए हुए पाए जाते हैं। जिसके कारण कोच के गेट खुले रह जाते हैं और अनऑथराइज्ड यात्री ट्रेन में सवार हो जाते हैं।
पेंट्रीकार में यात्रियों का शोषण
उन्होंने कहा कि ट्रेनों में पेंट्रीकार संचालक के द्वारा ओवरचार्जिंग और बिल नहीं देने के साथ-साथ खाने की क्वालिटी में कोई सुधार नहीं किया गया है। बिल मांगने पर यात्रियों से मैनेजर और स्टाफ अभद्र व्यवहार करते हैं। मालदा मंडल के छोटे-छोटे स्टेशनों पर शौचालय, महिला प्रसाधन, पानी, बिजली की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। शिवनारायणपुर, लैलख, नाथनगर, अकबरनगर जैसे स्टेशनों में रात के समय अंधेरा रहता है। यहां जनरेटर की सुविधा दी जाय और लोकल ट्रेनों को समय के हिसाब से चला जाए।
इमरजेंसी कोटा में आरक्षण की जांच हो
हेडक्वार्टर और वीआईपी कोटा से ट्रेनों में आरक्षण की जांच कराई जाए। स्थानीय रेलवे बुकिंग स्टाफ़ की मिलीभगत से सांसद और जनप्रतिनिधियों के लेटर पैड का दुरुपयोग जा रहा है। एजेंट इनके लेटर हेड का स्कैन कर टिकट बनवा कर 1000-2000 रुपये ज्यादा में बेचकर कमाई कर रहे हैं। पत्रकार वार्ता में राजेश टन्डन, मनोज बुधिया, संदीप झुनझुनवाला, मिथिलेश कुमार, प्रकाश गोयंका आदि भी मौजूद थे।