पार्टी ने वंशवाद नहीं कार्यकर्ताओं का महत्व : प्रधानमंत्री
सेंट्रल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि के मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर उन्होंने सदन में सांसदों को संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि हम यहां पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्रित हुए हैं. पहले हमें उनके विचारों और सिद्धांतों को विभिन्न कार्यक्रमों में और अपने वरिष्ठ लोगों के जरिए जानने सुनने का अवसर मिलता था.प्रधानमंत्री ने राजनीतिक अस्पृश्यता की भावना को खारिज किया और कहा कि पार्टी में वंशवाद नहीं कार्यकर्ताओं का महत्व होना चाहिए . उन्होंने कहा कि प्रणव मुखर्जी, तरुण गोगोई, एस.सी.जमीर इनमें से कोई भी राजनेता हमारी पार्टी या फिर गठबंधन का हिस्सा कभी नहीं रहे लेकिन राष्ट्र के प्रति उनके योगदान का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है.हमारे राजनीतिक दल हो सकते हैं, हमारे विचार अलग हो सकते हैं, हम चुनाव में पूरी शक्ति से एक दूसरे के खिलाफ लड़ते हैं पर इसका मतलब ये नहीं कि हम अपने राजनीतिक विरोधी का सम्मान ना करें. उन्होंने कहा कि राजनीति में भी राष्ट्रनीति सर्वोपरि है. उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के दर्शन की चर्चा करते हुए कहा कि कोरोना काल में हमारे देश ने अंत्योदय की भावना को सामने रखा . अंतिम पायदान पर खड़े हर गरीब की चिंता की.आत्मनिर्भरता की शक्ति से देश ने एकात्म मानव दर्शन को भी सिद्ध किया.पूरी दुनिया को दवाएं पहुंचाईं, और आज वैक्सीन पहुंचा रहा है.
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