
कोलकाता, भारत वार्ता संवाददाता: ममता बनर्जी तीसरी बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बन गई हैं. चुनाव के दौरान भाजपा उन पर बंगाल के विकास को अवरुद्ध करने का आरोप लगाती रही. चुनाव परिणाम आने के बाद बंगाल में लगातार हो रही हिंसा के कारण भी वे भाजपा, कांग्रेस और वामदलों के निशाने पर हैं मगर ममता बनर्जी में कई खास बातें हैं जो दूसरों में नहीं हैं. जुझारू व्यक्तित्व के लिए पूरे देश में विशिष्ट पहचान रखने वाली ममता ईमानदारी, त्याग और सादगी लिए भी जानी जाती हैं. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि ना तो वह के रूप में सैलरी लेती हैं और ना ही सांसद का पेंशन. आज से 10 साल पहले मुख्यमंत्री बनने के पूर्व ममता बनर्जी केंद्र सरकार में कोयला, मानव संसाधन एवं विकास, रेल और महिला एवं बाल विकास मंत्री रह चुकी हैं मगर वे संसद से प्रति माह मिलने वाली 75000 रुपए पेंशन नहीं लेती हैं. ट्विटर पर अनारकली ऑफ आरा जैसी फिल्मों के निर्देशक अविनाश दास ने एक वीडियो क्लिप शेयर किया है जिसमें ममता बनर्जी खुद इन सारी जानकारियों को साझा किया है. वीडियो में वे यह बता रही हैं कि पिछले 7 सालों से न तो उन्होंने अपनी पेंशन उठाई है और न ही मुख्यमंत्री की सैलरी ली है. वे मुख्यमंत्री की किसी गाड़ी का भी इस्तेमाल नहीं करती हैं.
गीत और किताबों से चलता है खर्चा: ममता बताती हैं कि अब तक उनकी 86-87 किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें से कई बेस्ट सेलर किताबें भी हैं. इससे उन्हें साल में एक 11-12 लाख रुपए मिलते हैं. इसके अलावा, ममता गानों की लिरिक्स भी लिखती हैं जिससे उन्हें साल में 3 -4 लाख मिल जाते हैं . इस पैसे को वे दान कर देती हैं. एक और खास बात यह है कि वह हवाई जहाज में इकोनॉमिक क्लास में चलती है और जिस गेस्ट हाउस में रूकती हैं उसका खर्च भी देती हैं. ममता बनर्जी के यह सारे गुण उन्हें देश के दूसरे नेताओं से अलग करते हैं.
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