नोएडा: देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट को बनाने के लिए आज करार होगा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) और ज्यूरिख कंपनी के प्रतिनिधि इस पर हस्ताक्षर करेंगे। करार के साथ ही 2023 में उड़ान शुरू होने की उम्मीद दोगुनी हो जाएगी। ज्यूरिख कंपनी के प्रतिनिधि पहले ही भारत आ चुके हैं। अधिकारियों के मुताबिक, नोएडा एयरपोर्ट के निर्माण के लिए ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड एजी ने यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) कंपनी बनाई है। इस कंपनी और नियाल में करार होगा। कोरोना को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन प्रेसवार्ता होगी। इसमें कई देशों के मीडिया प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। नियाल के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड एजी के अधिकारी मलेशिया और स्विट्जरलैंड से भी ऑनलाइन इस करार में शामिल होंगे। इसके लिए यीडा/नियाल के दफ्तर को सजाकर गमलों पर चित्रकारी की गई है। इसके लिए दिल्ली विवि आर्ट्स के छात्रों को बुलाया गया है। दिन भर रंगाई-पुताई का काम चलता रहा। दो बार टल चुकी थी करार की तिथिएयरपोर्ट बनाने के लिए करार की तिथि दो बार पहले टल चुकी है। कोरोना के कारण उड़ानें न होने से ज्यूरिख कंपनी के प्रतिनिधि देश में नहीं आ पा रहे थे। ज्यूरिख कंपनी की तरफ से गठित एसपीवी कंपनी को सिक्योरिटी क्लीयरेंस मिलने के 45 दिन के भीतर कंसेशन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर होना जरूरी होता है। एसपीवी को सिक्योरिटी क्लीयरेंस 18 मई को मिली थी। 2 जुलाई तक एग्रीमेंट होना जरूरी था। कोरोना के कारण 17 अगस्त तक इसकी तिथि बढ़ाई गई थी। हालात सामान्य नहीं होने पर तिथि फिर 15 अक्टूबर तक की गई थी। इन कंपनियों को पछाड़ते हुए ज्यूरिख ने लिया ठेकाकई बड़ी कंपनियों ने आवेदन किए थे, लेकिन सबसे ज्यादा राजस्व देने की बोली लगाकर ज्यूरिख ने करीब 29,500 करोड़ रुपये के नोएडा एयरपोर्ट प्रोजेक्ट को हासिल कर लिया। कंपनी ने 400.97 रुपये प्रति यात्री राजस्व देने का प्रस्ताव दिया, जबकि अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड ने 360 रुपये, दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने 351 रुपये और एनकोर्ज इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट होल्डिंग लिमिटेड ने 205 रुपये प्रति यात्री राजस्व देने की बोली लगाई थी। एयरपोर्ट की मंजूरी के लिए कब हुआ… 6 जुलाई 2017: निर्माण साइट की अनुमति मिली। 5 अक्तूबर 2017: गृह मंत्रालय ने एनओसी दी। 6 नवंबर 2017: गृह मंत्रालय के इमीग्रेशन की एनओसी दी। 29 दिसंबर 2017 : यमुना प्राधिकरण ने सलाहकार कंपनी का चयन किया। 11 जनवरी 2018: रक्षा मंत्रालय ने एनओसी दी। 23 अप्रैल 2018: नागर विमानन मंत्रालय ने दी सैद्धांतिक मंजूरी, 30 अक्तूबर 2018: जमीन लेने की अधिसूचना (धारा-11)07 मई 2019: ग्लोबल बिड निकालने को मिली मंजूरी, 29 नवंबर 2019: टेंडर खुला, ज्यूरिख कंपनी ने लगाई सबसे ज्यादा बोली18 मई 2020: ज्यूरिख कंपनी के एसपीवी को मिली सिक्योरिटी क्लीयरेंस02 जुलाई-2020: करार की पहली तिथि तय, टली17 अगस्त-2020: करार की दूसरी तिथि तय, फिर टली28 सितंबर 2020: ज्यूरिख कंपनी से करार की तिथि तय.
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