नरेंद्र गिरी को नींबू के पेड़ के नीचे दी गई समाधि, जानिए क्यों
Bharat varta desk:
प्रयागराज में स्थित अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी महाराज की पार्थिव शरीर को बाघम्बरी मठ नींबू के पेड़ के नीचे गहरे गड्ढे में समाधि दी गई। इसका कारण यह है कि महंत नरेंद्र गिरी ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि मृत्यु के बाद उनकी देह को परिसर में ही स्थित नींबू के पेड़ के नीचे समाधि बनाई जाए।
ज्यादातर जगह आप देखेंगे कि नींबू के पेड़ के नीचे ही समाधि दी जाती है। कहीं भी समाधि स्थल के आसपास आप नींबू का पेड़ जरूर देखेंगे। दरअसल इस पेड़ का बहुत ही धार्मिक महत्व है। साधु संत बताते हैं कि धार्मिक ग्रंथ मे वर्णित तथ्यों के आधार पर
यह मान्यता है कि नींबू का पेड़ शत्रुओं का नाश करने वाला होता है। अपने सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरी ने ऐसे शिष्यों की चर्चा की है जिनके कार्यकलापों से वह दुखी रहा करते थे। यहां तक कि उन्हें आत्महत्या करने जैसे कदम उठाने पड़े। लोग अनुमान लगा रहे हैं कि शत्रुओं को दंड मिले इसके लिए उन्होंने नींबू के पेड़ के नीचे समाधि बनाने की इच्छा जाहिर की थी। यहां उनकी पूजा होगी। कुछ दिनों के बाद यहां उनकी मूर्ति भी लगेगी।