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दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि PMLA की धारा 50 के तहत किसी व्यक्ति को समन जारी करने, डॉक्यूमेंट्स की जांच करने और बयान दर्ज करने का अधिकार है।लेकिन गिरफ्तारी का नहीं। जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने कहा कि यह अधिकार किसी भी सिविल कोर्ट को होता है।
PMLA की धारा 50 के तहत किसी व्यक्ति को समन जारी करने, डॉक्यूमेंट्स की जांच करने और बयान दर्ज करने का अधिकार है जो किसी भी सिविल कोर्ट को होता है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि PMLA की धारा 19 के तहत किसी शख्स को गिरफ्तार करने का अधिकार है।कोर्ट ने कहा कि अगर ED किसी को धारा 50 के तहत समन जारी करती है और बाद में गिरफ्तार कर लेती है। ऐसी स्थिति में जब शख्स कोर्ट को बताएगा कि एजेंसी ने मुझे पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन गिरफ्तार कर लिया तो कोर्ट उसे आसानी से बरी कर देगी।
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