डोगरी साहित्य की पहचान कवयित्री पद्मा सचदेव नहीं रही

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Bharat varta desk:
डोगरी साहित्य की पहचान जम्मू की ‘बोबो’ बड़ी बहन पद्मा ने बुधवार को अंतिम सांस लिया। अहले सुबह उन्होंने मुंबई स्थित अपने आवास पर हृदय गति रुक जाने के कारण उनका निधन हो गया। वे अपने पीछे शास्त्रीय गायक सुरेंद्र पाल सिंह सचदेव और बेटे तेजपाल सिंह सचदेव और बेटी मीता सचदेव को छोड़ गई हैं। डोगरी भाषा और साहित्य को उन्होंने दुनिया के कोने कोने तक पहुंचाया। उनकी दर्जनों रचनाएं हैं। डोगरी को संविधान की अष्टम अनुसूची में शामिल कराने में भी उनके योगदान को याद रखा जाएगा। उन्हें साहित्य में योगदान ओके चलते पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था।

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