डॉ सुरेंद्र नाथ तिवारी की पुस्तक ‘पहाड़िया जनजाति: इतिहास और संस्कृति’ का आरएसएस विचारक रामलाल ने किया विमोचन

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पटना संवाददाता: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के झारखंड प्रांत के साहिबगंज विभाग के विभाग केंद्र प्रमुख डॉ सुरेंद्र नाथ तिवारी द्वारा लिखित और प्रभात प्रकाशन नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘पहाड़िया जनजाति: इतिहास और संस्कृति का (एक पुरातात्विक पुरातात्विक अध्ययन)’ का विमोचन शनिवार को संघ कार्यालय विजय निकेतन में राष्ट्रीय संपर्क प्रमुख रामलाल, उत्तर पूर्व क्षेत्र के संघचालक सिद्धनाथ सिंह, क्षेत्रीय प्रचारक रामदत्त चक्रधर, क्षेत्रीय संपर्क प्रमुख अनिल ठाकुर, झारखंड के प्रांत प्रचारक रविशंकर सिंह, झारखंड प्रांत के संपर्क प्रमुख राजीव कुमार बिट्टू द्वारा संयुक्त रूप से किया गया.

हिंदुत्व भारत की पहचान है: रामलाल

इस मौके पर रामलाल ने कहा कि बिहार और झारखंड के जनजातीय समाज के बीच भी बहुत काम किए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पहाड़िया जनजाति के जीवन पर लेखन कार्य बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है. हिंदू समाज को संगठित करने पर जोर देते हुए रामलाल ने कहा कि इसमें संपर्क विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है. संघ सकारात्मक सोच के साथ अखंड, सशक्त, स्वाभिमानी भारत के निर्माण की दिशा में काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि हिंदुत्व भारत की पहचान है.

सुदूर ग्रामीण इलाकों में शाखा लगाया जाए: रामदत्त चक्रधर

इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि लेखक ने आदिम पहाड़िया जनजाति के जीवन के अनछुए पहलुओं पर किताब लिखकर सराहनीय काम किया है. क्षेत्रीय प्रचारक रामदत्त चक्रधर ने सुदूर ग्रामीण इलाकों में शाखा लगाने और उसमें शामिल होने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इससे समाज में संस्कार और मूल्यों का प्रसार होता है.

इस मौके पर लेखक डॉ सुरेंद्र नाथ तिवारी ने बताया कि पुस्तक में झारखंड के संथाल परगना के पहाड़ों पर रहने वाली पहाड़िया जनजाति के उद्भव और विकास से लेकर वर्तमान सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक जीवन और अन्य पहलुओं की रूपरेखा प्रस्तुत की गई है. इस जनजाति के विकास पर अरबों खर्च के बाद भी जीवन के हर क्षेत्र में यह जाति चतुर्दिक पिछड़ेपन की शिकार है. पुस्तक में यह बताया गया है कि यदि इस जनजाति को बचाने का सही ढंग से काम नहीं किया गया तो आने वाले समय में इसका अस्तित्व खत्म हो सकता है. इसकी आबादी लगातार कम होती जा रही है. इस जाति का तेजी से ईसाईकरण भी हो रहा है. इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बिहार झारखंड प्रांत के कई वरिष्ठ प्रचारक स्वयंसेवक और अधिकारी मौजूद थे.

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