Bharat varta desk: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि संविधान ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दो निर्वाचन आयुक्तों के ‘नाजुक कंधों’ पर बहुत जिम्मेदारियां सौंपी हैं लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त के तौर पर टी एन शेषन जैसे मजबूत चरित्र के शख्स की जरूरत है।
यहां बता दें कि केंद्र सरकार में 1995 बैच के तमिलनाडु कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी टी एन सेशन पूर्व कैबिनेट सचिव थे जिन्हें 12 दिसंबर, 1990 को मुख्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया था।
कन्यायमूर्ति के एम जोसफ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि उसका प्रयास एक प्रणाली बनाने का है, ताकि सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति मुख्य निर्वाचन आयुक्त बने। पीठ ने कहा, ‘‘अनेक मुख्य निर्वाचन आयुक्त हुए हैं, लेकिन टी एन शेषन एक ही हुए हैं। टी एन सेशन जैसा शख्स कभी-कभार होता है।
तीन लोगों (दो चुनाव आयुक्तों और मुख्य निर्वाचन आयुक्त) के कमजोर कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गयी है। हमें मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति का चयन करना होगा। लेकिन सवाल है कि हम सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति को कैसे चुनें और कैसे नियुक्त करें।
कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के मामले में संविधान की चुप्पी और कानून की कमी के कारण जो रवैया अपनाया जा रहा है, वह परेशान करने वाली परंपरा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस बारे में कानून बनाने पर गौर किया जाना चाहिए था लेकिन 72 साल में ऐसा नहीं किया गया। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने इस प्रक्रिया का शोषण किया है।
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