जदयू राष्ट्रीय परिषद की बैठक, नीतीश के उत्तराधिकारी पर चर्चा तेज

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26 और 27 की बैठक को ले बढ़ी सरगर्मी
पटना संवादाता: जदयू के राष्ट्रीय परिषद की बैठक 26 और 27 दिसंबर को पटना में बुलाई गई है। इसके साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी के नाम पर चर्चा तेज हो गई है। विधानसभा चुनाव के बाद होने वाली यह सालाना बैठक कई मायनों में बहुत अहम मानी जा रही है। अगले साल नीतीश कुमार के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा हो रहा है।

आरसीपी के नाम की कयास

इस बीच नीतीश के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह का नाम उछाला जा रहा है। यह भी कयास लगा रहे हैं कि बैठक में उत्तराधिकारी के नामों पर चर्चा हो सकती है। हालांकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने ऐसी किसी भी तरह की संभावना को खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि यह रूटीन बैठक है। उन्होंने इस तरह के सवाल उठने पर मीडियाकर्मियों से यह भी कहा कि उत्तराधिकारी पर तो कभी कोई चर्चा ही नहीं हुई। नीतीश जी ने कभी इस पर कुछ नहीं कहा कहा।

वहीं जदयू के भीतर से यह बात निकल कर आ रही है कि देर-सबेर नीतीश पार्टी की बागडोर अपने सर्वाधिक विश्वसनीय आरसीपी सिंह के हाथ में सौंप सकते हैं। अगले साल राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में नीतीश का कार्यकाल पूरा हो रहा है। वह लगातार दूसरी बार इस पद पर हैं। अगली बार राष्ट्रीय अध्यक्ष का बदलना तय माना जा रहा है। ऐसे में संभावित नाम पर चर्चा शुरू होना स्वाभाविक है।

सर्वाधिक भरोसेमंद
आरसीपी सिंह लंबे अरसे से नीतीश के भरोसेमंद रहे हैं। उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अफसर रहे आरसीपी सिंह उनके गृह जिले नालंदा के रहने वाले हैं। जब नीतीश रेल मंत्री बने थे तो आरसीपी पीएस के रूप में उनके साथ आए थे। बाद में जब वे बिहार के मुख्यमंत्री बने तो उनके प्रधान सचिव हुए। कुछ साल बाद नौकरी से त्यागपत्र देकर जदयू में शामिल हो गए और राजसभा सदस्य बने जो अभी तक बने हुए हैं।

बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार के साथ बंगाल चुनाव तक पर चर्चा

राष्ट्रीय परिषद की बैठक में सरकार चलाने से लेकर संगठन को मजबूत बनाने पर चर्चा होगी। एनडीए गठबंधन को लेकर भी मंथन होने की बात कही जा रही है। सामने बंगाल चुनाव है। जदयू की ओर से कहा गया है कि पश्चिम बंगाल के 75 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए जा सकते हैं। बिहार के बाहर दूसरे राज्यों में संगठन को विस्तार देने की योजना पर भी बात होगी। महत्वपूर्ण यह भी है कि अभी मंत्रिमंडल का विस्तार होना बाकी है। विधानसभा की 12 सीटों पर मनोनयन और कुछ सीटों पर उपचुनाव होना है। एनडीए के तीन अन्य घटक दलों से बेहतर तालमेल के साथ इन कामों को निपटाने की रणनीति पर राष्ट्रीय परिषद की बैठक में विचार होने की संभावना बताई जा रही है।

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