NewsNLive की विशेष रिपोर्ट : केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे पर भाजपा के संगठन महामंत्री नागेंद्र जी भारी पड़े। चौबे की बेटे अर्जित शाश्वत का भागलपुर से टिकट काटकर अपने चेले रोहित पांडेय को भागलपुर सीट से उम्मीदवार बना दिया।
अर्जित शाश्वत का टिकट कटना राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस टिकट के कटने में पटना से दिल्ली तक भाजपा में हाई वोल्टेज ड्रामा चला। अर्जित के विकल्प के रूप में पूर्व सांसद सैयद शाहनवाज हुसैन और बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के नाम पर भी चर्चा हुई। मगर संगठन महामंत्री नागेंद्र जी अपने शिष्य को टिकट दिलवाने में कामयाब रहे।
उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार तक भाजपा के महत्वपूर्ण पदाधिकारी रहे नागेंद्र जी को नजदीक से जानने वाले का कहना है कि आज से 3 साल पहले संगठन के बिल्कुल नए चेहरे रोहित पांडेय को जब उन्होंने भागलपुर भाजपा का जिला अध्यक्ष बनवाया था उसी समय रोहित को अगला विधानसभा चुनाव लड़ाने की योजना भी बना दी थी।
भागलपुर के रहने वाले रोहित पांडेय उस समय पटना में रहते थे और कारोबार करते थे। पिछला विधानसभा चुनाव अर्जित जब हार गए उसके बाद नागेंद्र जी ने रोहित की भागलपुर में जिला अध्यक्ष के रूप में लॉन्चिंग किया था। इस बीच अर्जित 2020 का विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे लेकिन वह पिता की तरह भागलपुर के कार्यकर्ताओं का विश्वास हासिल कर पानी में अब तक सफल नहीं हुए। इस दौरान वे धार्मिक जुलूस निकालने में जेल भी गए। लेकिन कार्यकर्ताओं का एक बड़ा हिस्सा जो कभी अर्जित के पिता और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे को भागलपुर से 5 बार विधायक बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था वे अर्जित के लगातार विरोध में रहे। कभी उनके पिता के खास रहे आरएसएस के पवन गुप्ता समेत कई भाजपाइयों ने लोकतंत्र बचाओ मोर्चा बनाकर भागलपुर में बैठक किया और प्रस्ताव पारित किया कि यदि भाजपा वंशवाद के आधार पर उम्मीदवार बनाएगी तो उसके खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार खड़ा किया जाएगा। यह बात पटना से लेकर दिल्ली तक भाजपा नेतृत्व को गई।
अश्विनी चौबे को अपने मित्र और पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा था। लेकिन संगठन महामंत्री नागेंद्र संगठन के जरिए राष्ट्रीय नेताओं तक यह बात पहुंचाने में कामयाब रहे कि अर्जित के खिलाफ कार्यकर्ताओं में असंतोष है। उनकी उम्मीदवारी से बगावत हो सकती है।
नागेंद्र जी को ऊपरी तौर पर भाजपा में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे का समर्थक माना जाता है। भाजपा के जानकारों का कहना है नागेंद्र ने ही प्रतिकूल परिस्थितियों में अश्विनी कुमार चौबे को सबसे पहले बक्सर से 2014 में लोकसभा का टिकट दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। उस बार चौबे के भारी विरोध के बाद भी शाहनवाज हुसैन को भागलपुर से लोकसभा का उम्मीदवार बनाया गया था। बाद में कई कारणों से चौबे और नागेंद्र में दूरियां बढ़ गई। जब नागेंद्र ने रोहित पांडेय को भागलपुर का जिलाध्यक्ष बनाया उस समय अश्विनी चौबे अपने किसी समर्थक को जिलाध्यक्ष बनाना चाहते थे।
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