गोरखपुर से उम्मीदवार घोषित होते ही योगी की हिन्दू युवा वाहिनी ने संभाल लिया मोर्चा
Bharat Varta Desk : गोरखपुर को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ माना जाता है। गोरखपुर में ही उनका मठ है। 1998 से लेकर मार्च 2017 तक योगी गोरखपुर से लगातार पांच बार सांसद रह चुके हैं। अब वे पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। भाजपा ने उन्हें गोरखपुर शहर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है।आज गोरखपुर शहर से उनकी उम्मीदवारी की घोषणा होते ही भाजपा से इतर हिन्दू युवा वाहिनी ने भी मोर्चा संभाल लिया है। चुनावी तैयारियों को लेकर हिन्दू युवा वाहिनी की बैठकों का दौर आज से ही शुरू हो गया है। हिन्दु युवा वाहिनी के गोरखपुर महानगर इकाई के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं की आज हुई बैठक में चुनाव के लिए रणनीति बनाया गया।
बता दें कि हिन्दू युवा वाहिनी एक हिंदूवादी संगठन है, जिसके संस्थापक योगी आदित्यनाथ हैं। वर्ष 2002 के अप्रैल माह में श्री राम नवमी के पर्व पर योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रवादी नवयुवकों को संगठित कर हिन्दू युवा वाहिनी की आधारशिला रखी थी। साल 2002 में गोरखपुर के तत्कालीन सांसद और उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब इसका गठन किया था तो इसे उन्होंने एक सांस्कृतिक संगठन बताया था। उस समय इस संगठन का काम था, गांवों और शहरों में जाकर कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी गतिविधियों को रोकना। इस संगठन के जरिए ही योगी आदित्यनाथ ने न सिर्फ अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत की बल्कि उसका दायरा भी बढ़ाया।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि गोरखपुर से लड़ने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्यादा वक्त नहीं देना होगा। वे प्रदेश की अन्य सीटों पर फोकस कर सकेंगे। यही वजह है कि उनके लिए गोरखपुर शहर सीट चुना गया है।