कृषि कानूनों के खिलाफ रेल पटरी पर प्रदर्शन, पुलिस जवानों से धक्का-मुक्की
रांची संवाददाता
तीन नये किसान कानून के खिलाफ देशव्यापी पूर्व घोषित रेल रोको आंदोलन के समर्थन में गुरुवार को नामकुम रेलवे स्टेशन पर आंदोलन हुआ। झारखंड राज्य किसान संघर्ष समन्वय समिति के नेतृत्व में सभी आंदोलनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी भी की। इस दौरान आंदोलनकारियों का जत्था रेलवे प्लेटफॉर्म एक होते हुए गुजरा और रेल पटरी पर बैठ गए। इस दौरान आंदोलनकारियों की सुरक्षा कर्मियों के साथ पटरी पर प्रवेश करने को लेकर धक्का-मुक्की भी हुयी। सुफल महतो के नेतृत्व में आंदोलनकारी रेल पटरी पर करीब घंटे भर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। रेलवे सुरक्षा अधिकारियों के समझाने बुझाने के बाद करीब 2 बजे आंदोलनकारियों का जत्था स्टेशन से बाहर निकला। समिति के राज्य संयोजक सुफल महतो ने कहा कि झारखंड के सभी जिलों में रेल रोको शांति पूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ। किसान विरोधी कानून के वापसी तक आंदोलन जारी रहेगा। किसान नेता केडी सिंह ने कहा कि हर हाल में इस काला कानून को वापस लेना होगा। किसान संग्राम समिति के नेता सुशांतो मुखर्जी ने कहा कि कृषि कानून किसानों के साथ धोखा है। हालांकि इस आंदोलन से ट्रेनों के परिचालन पर खास असर नहीं पड़ा। इसके बाद काफी देर तक आंदोलनकारी नामकुम स्टेशन के पास बाहर जमे रहे। आंदोलनकारियों से निपटने के लिए वहां आरपीएफ और जीआरपी पुलिस को भारी संख्या में लगाया गया था। आंदोलकारियों को रोकने के लिए रेलवे पुलिस फोर्स के स्पेशल बलों की तैनाती की गई थी। आंदोलनकारियों की घोषणा के अनुसार रेल मंडल के अन्य रूटों पर भी सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी। आरपीएफ के अनुसार, रांची-लोहरदगा रेल खंड के पिस्का स्टेशन पर प्रदर्शनकारी नहीं आए। हालांकि यहां पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती देर रात तक रहेगी। वहीं हटिया बंडामुंडा रेलखंड पर भी आंदोलन और प्रदर्शन देखने को नहीं मिला। इस मौके पर आदिवासी अधिकार मंच के नेता सुखनाथ लोहरा, किसान महासभा के नेता भुवनेश्वर केंवट, एक्टू नेता सुवेदु सेन, झारखंड राज्य किसान सभा के नेता बिरेंद्र कुमार, बिणा लिंडा, आदिवासी अधिकार मंच के महासचिव प्रफुल्ल लिंडा सहित अन्य नेताओं ने सभा को संबोधित किया।
वहीं सीटू नेता एसके राय, मधुवा कच्छप, कपील महतो, अमिना मुंडा, बिरसा मुंडा, अनिमा तिर्की, आसिन टोप्पो, निखिल नायक, मोहन बेक, राजू मुंडा, बिरवल मुंडा, बेंजामिन तिर्की, कमल मुंडा, गुलाब मुंडा, सारो देवी, हिरन मिंज, हिनदुवा लकड़ा, मस प्रकाश टोप्पो, नंदिता भट्टाचार्य, नोरीन अख्तर सहित अन्य मौजूद थे।