
नई दिल्ली। हाल ही में संसद से पास तीन कृषि विधेयकों के विरोध में किसान संगठनों ने शुक्रवार को देशव्यापी आंदोलन का आह्वान किया है। हालांकि आंदोलन का ज्यादा असर पंजाब और हरियाणा में दिख रहा है। कई दिनों से सड़क पर प्रदर्शन कर रहे पंजाब के किसान बृहस्पतिवार को रेल ट्रैक पर बैठ गए हैं। रेल रोको आंदोलन को देखते हुए रेलवे ने शनिवार तक 20 विशेष ट्रेनें आंशिक रूप से रद्द और पांच को गंतव्य से पहले रोक दिया है। उधर, यूपी में सपा ने किसान कर्फ्यू और जाम का आह्वान किया है। पंजाब में किसान मजदूर संघर्ष समिति तीन दिन तक रेल रोको आंदोलन करेगी, जिसे अन्य किसान संगठनों ने भी समर्थन दिया है।किसानों ने अमृतसर और फिरोजपुर में रेल पटरियों पर कब्जा किया। भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहन) के कार्यकर्ताओं ने बृहस्पतिवार सुबह बरनाला और संगरूर में रेल पटरियों को जाम किया। पंजाब के 31 किसान संगठनों ने 25 सितंबर को पूर्ण बंदी का एलान किया है। इस बीच, रेलवे ने कहा, अनलॉक के बाद अर्थव्यवस्था में सुधार आ रहा है, ऐसे में रेल सेवा बाधित होने से आवश्यक वस्तुओं और खाद्यान्न परिवहन बुरी तरह प्रभावित होगा। मंडियां-बाजार अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर प्रस्तावित भारत बंद के दौरान शुक्रवार को हरियाणा में बाजार और मंडियां बंद रहेंगी। किसानों ने प्रमुख रास्तों और रेल ट्रैक पर जाम की चेतावनी दी है।यूपी में सभी जिलों में प्रदर्शन यूपी में सपा सभी जिलों में धरना-प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस 28 सितंबर को विधानभवन का घेराव करेगी और शुक्रवार से 31 अक्तूबर तक किसान जागरूकता महाभियान चलाएगी।इन विधेयकों का हो रहा विरोध केंद्र सरकार ने हाल ही में कृषि सुधारों से जुड़े तीन बिल संसद से पास कराए हैं। ये हैं कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) बिल-2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता बिल-2020 और कृषि सेवा विधेयक-2020। किसानों को आशंका है कि संसद से पारित बिल के जरिये न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म करने का रास्ता खुल जाएगा और उन्हें बड़े कॉरपोरेट की दया पर रहना पड़ेगा।बिहार की राजधानी पटना में भी आज सुबह 9 बजे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपने आवास से किसानों और समर्थकों के साथ विरोध प्रदर्शन करते हुए पार्टी कार्यालय जाएंगे। कृषिमंत्री विधेयकों पर किसानों की आशंका के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कांग्रेस पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, कृषि उपज को आवश्यक वस्तु अधिनियम से हटाने और बिल के प्रावधानों की पैरवी अतीत में कांग्रेस ने की थी। कांग्रेस की यह राजनीति देश को कमजोर करेगी।
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