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आतंकवाद को नष्ट करने के लिए देश के 3 शहरों में खोली जाएगी NIA की अतिरिक्त शाखाएं, गृह मंत्रालय की मंजूरी

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी की तीन अतिरिक्त शाखाओं को रांची, इंफाल और चेन्नई में स्थापित करने की मंजूरी दे दी है। एनआईए भारत की एक राष्ट्रीय जांच एजेंसी है, जो आतंकी गतिविधियों को रोकने और भारत में आतंकवाद को समाप्त करने की दिशा में कार्य करती है।एनआईए का मुख्यालय दिल्ली में है। देश में इस समय इसकी नौ शाखाएं गुवाहाटी, मुंबई, जम्मू, कोलकाता, हैदराबाद, कोच्चि, लखनऊ, रायपुर और चंडीगढ़ में हैं। अब तीन और को मंजूरी दे दी गई है। इस एजेंसी को आतंकी गतिविधियों की जांच में विशेषज्ञता हासिल हैं। सरकार का मानना है कि नई शाखाओं से इन राज्यों में आतंकरोधी मोर्चे पर प्रभावी तरीके से काम करने, समय से सूचना हासिल करने और घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी। भारत सरकार ने एनआईए को विशेष अधिकार प्रदान किए है, जिससे आतंकी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने वाले लोगों पर ठोस कार्रवाई करके उनकी संपत्ति तक सीज करना और उस व्यक्ति या संगठन को आतंकी घोषित करना शामिल है। इसमें राज्य सरकार को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है।2008 में मुंबई हमले के बाद आतंकवाद को समाप्त करने के लिए एनआईए का गठन किया गया था। हमले के बाद एक जांच एजेंसी की आवश्यकता हुई जो केंद्र सरकार के अधीन हो और वह आतंकी गतिविधियों पर नजर बना कर उनको विफल कर सके। एजेंसी कई बड़े मामलों में आतंकवाद को वित्तीय पोषण, आतंकी हमलों की घटनाओं और उससे जुड़े लोगों की जांच कर रही है। हाल ही में बेंगलुरु दक्षिण से बीजेपी सांसद और भारतीय जनता युवा मोर्चा के नवनिुक्त अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उन्होंने बेंगलुरु में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के स्थाई यूनिट तैनात करने की मांग की। तेजस्वी सूर्या ने कहा था, ’11 अगस्त को बेंगलुरु में हिंसा की घटना हुई थी, जहां पुलिस स्टेशनों पर हमला किया गया था। इसमें एनआईए की जांच में कुछ प्रमुख साजिशकर्ताओं की गिरफ्तारी हुई। यह पता चला है कि विरोध सहज नहीं था, यह एक साजिश थी।’आगे उन्होंने कहा, ‘बेंगलुरु में कई आतंकी मॉड्यूल और स्लीपर सेल का भंडाफोड़ हुआ। मैंने गृह मंत्री से एनआईए का एक स्थायी यूनिट स्थापित करने का आग्रह किया ताकि भारत विरोधी गतिविधियां जो बेंगलुरु को आतंकी गतिविधियों के मशीन के रूप में उपयोग करना चाहते हैं, को रोका जा सके। उन्होंने आश्वासन दिया कि इसे जल्द ही स्थापित किया जाएगा।’

Kumar Gaurav

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