पटना। खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग पासवान ने लंका के साथ-साथ अयोध्या में भी आग लगाई है। चुनाव परिणाम के बाद ऐसा कहा जा रहा है। उनके उम्मीदवारों ने जदयू के साथ-साथ भाजपा के भी कई उम्मीदवारों को हराया है। बिहार के सबसे हॉट सीट राघोपुर में भी भाजपा के सीट पर लोजपा ने उम्मीदवार उतार दिया था। वहां तेजस्वी यादव जितने वोटों के अंतर से भाजपा के उम्मीदवार को हराए हैं, लगभग उतना ही वोट लोजपा के उम्मीदवार को मिला है। चिराग के उम्मीदवार के कारण ही तेजस्वी को राघोपुर का ताज मिला है। इस कारण जनता दल यू के साथ-साथ भाजपा के नेता भी उनसे खफा हैं। इसके बाद अब सवाल उठ रहा है कि चिराग पासवान और उनकी लोक जनशक्ति पार्टी का आगे क्या होगा? राजनीति में उनकी अगली रणनीति क्या होगी?
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही कह चुके हैं चिराग पर कार्रवाई के लिए भाजपा को सोचना है। उसके बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का बयान आया कि चिराग पासवान ने एनडीए के साथ धोखा किया है। बिहार के दिग्गज दलित नेता हम पार्टी के सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी चिराग के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग एनडीए से की है।
एनडीए के नेताओं की रुख से ऐसा लग रहा है कि अब केंद्रीय मंत्रिमंडल में पिता रामविलास पासवान की जगह लेना चिराग पासवान के लिए मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा। उन्होंने चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार हमले किए। चुनाव परिणाम आने के बाद पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री के तेवर चिराग के प्रति काफी तल्ख दिखे। ऐसी परिस्थितियों में सवाल उठ रहे हैं कि चिराग अब किसके साथ राजनीति करेंगे। क्या अकेले दम पर उनका सियासी सफर होगा। राजनीति के तटस्थ प्रेक्षकों के अनुसार पिता रामविलास पासवान की तरह दलितों का कद्दावर नेता बनने की संभावना चिराग में फिलहाल नहीं दिख रही है। रामविलास कई दूसरी जातियों में भी स्वीकार्य थे।
हालांकि चुनाव परिणाम आने के बाद चिराग ने दावा किया है कि उन्होंने जदयू को हानि पहुंचाई है। उनका यही मकसद था और उस में वे कामयाब हुए हैं। भाजपा को उन्होंने लाभ पहुंचाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के प्रति अपने प्रेम का इजहार वे अब भी कर रहे हैं। लोजपा का मात्र एक विधायक होने के सवाल पर उन्होंने कहा है कि इस चुनाव में उनकी पार्टी की लोकप्रियता बढ़ी है। कई सीटों पर उनके उम्मीदवारों ने जबरदस्त प्रदर्शन किए और वोट लाए। इससे उनकी पार्टी का जनाधार बढ़ा है। उन्होंने छठ के बाद संपूर्ण बिहार प्रदेश की यात्रा करने का ऐलान किया है।
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