
रांची संवाददाता: एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान झारखंड हाइकोर्ट ने रिम्स से 5 सप्ताह के अंदर विस्तृत जवाब मांगा है। अदालत ने रिम्स को डिटेल एफिडेविट दायर करते हुए वहां डॉक्टर नर्सिंग स्टाफ समेत अन्य खाली पदों की जानकारी मांगी है। इसके साथ ही अदालत ने यह भी जानना चाहा है कि रिम्स में किन किन पदों पर नियुक्ति के लिए कब-कब विज्ञापन निकाला गया।
वही कोर्ट ने इस संबंध में भी जानकारी मांगी है कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए लिए कौन-कौन से स्वास्थ उपकरण खरीदे गए हैं। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने अदालत के समक्ष पक्ष रखा। जबकि रिम्स की ओर से अधिवक्ता आकाश दीप ने कोर्ट में पक्ष रखा।
हाइकोर्ट ने इस मामले में बिंदुवार डिटेल रिपोर्ट मांगी है। राज्य सरकार के द्वारा इस मामले में अदालत में काउंटर एफिडेविट दे दी गई है। कोरोना काल में कौन-कौन से उपकरण खरीदे गए हैं।
पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने रिम्स से पूछा था की कोरोना काल में रिम्स में कौन-कौन से उपकरण खरीदे गए हैं और अब तक सीटी स्कैन एवं पैथोलॉजी की मशीन क्यों नहीं खरीदी गई है।
अदालत ने यह भी पूछा है कि जब रिम्स सरकारी संस्थान है तो पैथोलॉजी की जांच निजी संस्थानों से क्यों करवायी जाती है? इन सभी बिंदुओं पर झारखंड हाइकोर्ट ने रिम्स प्रबंधन से जवाब तलब किया था।
बता दें कि कोरोना काल के दौरान रिम्स से लगातार अनियमितता बरती जाने की खबरें सामने आ रही थी। जिस पर झारखंड हाइकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था और उस स्वत संज्ञान को जनहित याचिका में तब्दील कर हाई कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा है।
Bharat varta Desk हिंदी भाषा के वैश्विक विस्तार और भारतीय संस्कृति के आत्मीय प्रसार की… Read More
Bharat varta Desk बिहार सरकार ने कई आईपीएस अधिकारियों को प्रोन्नति दी है. 1994 बैच… Read More
Bharat varta Desk बिहार के जाने-माने सर्जन डॉक्टर मृत्युंजय कुमार को कोलकाता में सम्मानित किया… Read More
Bharat varta Desk सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 18 दिसंबर 2025 को हुई बैठक में उड़ीसा… Read More
Bharat Varta Desk : बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बरूराज स्थित पैतृक गांव कोटवा में… Read More
पटना : अपराध अनुसंधान को वैज्ञानिक और तेज़ बनाने की दिशा में बिहार सरकार ने… Read More