
Bharat Varta Desk: गुजरात कैडर के एक आईएएस अधिकारी को गलत लोगों को हथियार का लाइसेंस देने के मामले में जेल जाना पड़ा है। सीबीआई की इस कार्रवाई ने वैसे आईएएस अधिकारियों में हलचल पैदा कर दी है जो पैसे लेकर लाइसेंस बांटने का काम करते रहे हैं। बिहार और झारखंड में ऐसे जिलाधिकारियों की भरमार है जिनके कार्यकाल में दिए गए लाइसेंस की जांच की जाए तो दर्जनों आईएएस अधिकारियों को जेल जाना पड़ेगा। हाल में झारखंड के गोड्डा जिले के एक उपायुक्त का लाइसेंस बांटने का कारनामा चर्चा में रहा। उस महिला अधिकारी ने बड़ी संख्या में बिहार के लोगों को नियमों को ताक पर रखकर लाइसेंस बांटे। बिहार और झारखंड के कई जिलों के जिलाधिकारियों ने लाइसेंस के लिए खुलेआम रेट तय कर रखे थे। काफी लंबे समय से इन दोनों राज्यों में दागी लोगों को बड़ी संख्या में लाइसेंस दिए जाने की बात सुर्खियों में रही है मगर सरकार की उदासीनता के कारण ऐसे मामलों की जांच नहीं कराई जा सकी है। हालांकि सालों पुराने मामलों में सहरसा के तत्कालीन जिलाधिकारी आर एल चोंग्थू के खिलाफ गलत ढंग से लाइसेंस दिए जाने के मामले में सरकार विभागीय कार्रवाई कर रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गुजरात में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने अपात्र लोगों को हथियार लाइसेंस देने के बदले रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार गुजरात कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी के. राजेश को बृहस्पतिवार को 18 जुलाई तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया।
अहमदाबाद स्थित सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश वी. बी. परमार ने सामान्य प्रशासन विभाग में सचिव के. राजेश को गिरफ्तारी के एक दिन बाद केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में भेज दिया।
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