नई दिल्ली: देश के किसानों से जुड़े आवश्यक वस्तु विधेयक 2020 को मंगलवार को राज्य सभा ने पास कर दिया. ये विधेयक लोकसभा से पहले ही पास हो चुका है. अब इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद अनाज, दाल, तिलहन, खाद्य तेल, प्याज और आलू जैसे समान आवश्यक वस्तुओं की सूची से हट जाएंगे.
लोकसभा इसे 15 सितंबर को ही पारित कर चुकी है. यह विधेयक कानून बनने के बाद इससे संबंधित अध्यादेश का स्थान लेगा. इस विधेयक का मकसद निजी निवेशकों की कुछ आशंकाओं को दूर करना है. व्यापारियों को अपने कारोबारी गतिविधियों में अत्यधिक नियामक हस्तक्षेप को लेकर चिंताएं बनी रहती हैं.
सरकार पहले ही कह चुकी है कि उत्पादन, उत्पादों को जमा करने, आवागमन, वितरण एवं आपूर्ति की स्वतंत्रता से बड़े स्तर पर अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा तथा कृषि क्षेत्र में निजी एवं विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आकर्षित होगा. विधेयक पर हुई संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए उपभोक्ता मामलों तथा खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे ने कहा कि कानून के जरिये स्टॉक की सीमा थोपने से कृषि क्षेत्र में निवेश में अड़चनें आ रही हैं.
उन्होंने कहा कि साढ़े छह दशक पुराने इस कानून में स्टॉक रखने की सीमा राष्ट्रीय आपदा तथा सूखे की स्थिति में मूल्यों में भारी वृद्धि जैसे आपात हालात उत्पन्न होने पर ही लागू की जाएगी. विधेयक में प्रसंस्करणकर्ताओं और मूल्य वर्द्धन करने वाले पक्षों को स्टॉक सीमा से छूट दी गई है. दानवे ने कहा कि इस कदम से कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा तथा अधिक भंडारण क्षमता सृजित होने से फसलों की कटाई पश्चात होने वाले नुकसान को कम किया जा सकेगा. उन्होंने कहा, ‘यह संशोधन किसानों एवं उपभोक्ताओं दोनों के पक्ष में है.’
बिहार बंद का अरवल में दिखा असर अरवल, भारत वार्ता संवाददाता : संपूर्ण बिहार बंद… Read More
Bharat varta Desk आज भारत बंद है. केंद्रीय और क्षेत्रीय श्रमिक संगठनों से जुड़े 25 करोड़ से अधिक… Read More
Bharat varta Desk पुलिस ने गोपाल खेमका हत्याकांड में बड़ा खुलासा किया है. इस मामले को लेकर मंगलवार… Read More
Bharat varta Desk के उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई का कहना है… Read More
Bharat varta Desk बिहार के पूर्णिया से बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां अंधविश्वास… Read More
Bharat varta Desk बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत मतदाता सूची से लाखों नाम… Read More