रिटायर हुए झारखंड के डीजीपी केएन चौबे, कहा- वर्दी की इज्जत पर कभी आंच नहीं आने दी
Bharat varta desk:
1986 बैच के चर्चित पुलिस अधिकारी और झारखंड के डीजीपी रहे कमल नयन चौबे मंगलवार को रिटायर हो गए। रांची के जेयपूवन मैदान में उन्हें शानदार विदाई दी गई। इस मौके पर उन्होंने कहा कि करीब साढ़े तीन दशक खाकी पहने हुए हो गए। आज उससे अलग होते हुए मन भारी हो रहा है। लेकिन खुशी है कि योग्यता के अनुसार खाकी वर्दी की प्रतिष्ठा और इज्जत पर कभी आंच नहीं आने दी। इसका मान बढाने के लिए ईमानदारी से प्रयास किया है। उन्होंने झारखंड में नक्सल समस्या और साइबर क्राइम की चुनौतियों की चर्चा की। वह बोले कि पिछले 25 साल से नक्सली पांव पसारने की कोशिश में लगे हैं। उन्हें इस बात का गर्व है कि जब पुलिस के पास संसाधन का भारी अभाव था ,उसके बाद भी नक्सलियों के खिलाफ उस समय के पुलिस अधिकारियों ने बेहतर काम किए। उन्होंने झारखंड के पुलिस कर्मियों को यह संदेश दिया कि वह अपने परिवार और बच्चों का भी ख्याल रखें। परिवार से अलग रहने के बाद भी उन पर ध्यान दें, बच्चों को अच्छी शिक्षा और संस्कार दें।
नसीहत, पुलिस और अधिक बने संवेदनशील
उन्होंने झारखंड पुलिस को नसीहत दी कि अगर कोई परेशान व्यक्ति अपनी परेशानी लेकर पुलिस के पास जाता है, तो उसकी परेशानी को धैर्य से सुनने की जरूरत है। इसके लिए पुलिस अधिकारी अधिक से अधिक संवेदनशील बने। कमल नयन चौबे को झारखंड सरकार ने 2019 में झारखंड का डीजीपी बनाया था। बाद में उन्हें हटाकर सरकार ने एमवी राव को कार्यवाहक डीजीपी बनाया था। कमलनयन भारतीय पुलिस सेवा के तेजतर्रार और कुशल अधिकारी रहे हैं। वे अविभाजित बिहार में भागलपुर, बेगूसराय, लखीसराय, अररिया, देवघर के चर्चित पुलिस अधीक्षक रह चुके हैं। उन्होंने भारत सरकार के दो केंद्रीय मंत्रियों दिग्विजय सिंह और प्रफुल्ल पटेल के ओएसडी के रूप में भी काम किया। इस मौके पर झारखंड के पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा ने कहा कि कमल नयन चौबे बड़प्पन, गरिमा और संस्कार के प्रतीक हैं। इन्होंने अपने काम से पुलिस महकमे का मान बढ़ाया है। उनके बारे में पूर्व डीजीपी एमवी राव ने संक्षिप्त परिचय दिया।