(झारखंड में वर्ल्ड क्लास टूरिज्म श्रंखला: 9)
साहिबगंज जिले में विकसित हो सकता है पर्यटन का चेन. आइए जाने कैसे …………
गौरव दुबे की विशेष रिपोर्ट
झारखंड में साहिबगंज ऐसा जिला है यहां पर्यटन का चेन विकसित किया जा सकता है. यहां दर्शनीय स्थलों की भरमार है जिन्हें देखने देश -विदेश से लोग आते हैं. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले दिनों राज्य के पर्यटक स्थलों को विश्वस्तरीय बनाने की बात कही थी. सरकार के एक साल पूरे होने पर नई पर्यटन नीति तैयार की जा रही है. ऐसे में साहिबगंज जिले के दर्शनीय स्थलों तक पहुंचने के लिए आवागमन के साधन विकसित करने के साथ-साथ पर्यटकों के ठहरने व अन्य सुविधाएं विकसित की जानी चाहिए. इसके बाद तो यह सारे स्थान पर्यटन के मानचित्र पर चमक जाएंगे . यहां दुनिया भर के पर्यटकों की भीड़ लगेगी आइए जाने जिले के प्रमुख दर्शनीय स्थलों के बारे में…..
बिंदुधाम: बरहरवा रेलवे स्टेशन से उतर कर मात्र 1 किलोमीटर की दूर पहाड़ पर स्थित है बिंदुधाम मंदिर. इसे मां विंध्यवासिनी शक्तिपीठ भी कहते हैं. मान्यता है कि मां का एक अंग यहां गिरा था. यहां के भव्य मंदिर में देवी देवताओं के साथ-साथ हनुमान जी की विशाल प्रतिमा विराजमान है. यह मंदिर अत्यंत प्राचीन है. यहां लंबे समय तक पहाड़ी बाबा भी रहे थे जिनकी प्रसिद्ध दूर-दूर तक थी. यहां चैत नवरात्र को भव्य मेला लगता है.
शिवगादी: विंध्यवासिनी मंदिर से करीब 20 किलोमीटर दूरी पर झारखंड का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल शिवगादी है यहां पहाड़ की खोह में बाबा गाजेशवर नाथ विराजमान है. बरहेट प्रखंड मुख्यालय से 6 किलोमीटर दूर बाबा गजेस्वर नाथ यह मंदिर पहाड़ के ऊँचाई पर स्थित है. 195 सीढ़ियां चढ़ने के बाद मंदिर में पहुंचकर लोग शिवलिंग का दर्शन करते हैं. गुफा में अवस्थित बाबा के आपरुपी पिताम्बरी शिवलिंग पर ऊपरी चट्टानों से अनवरत जल टपकते रहता है.
मोती झरना: साहिबगंज मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित मोती झरना का दृश्य मन मोह लेता है. 50 फीट ऊंचे पहाड़ से यहां सालों भर पानी गिरता रहता है. झरने से मोतियों के समान गिरने वाले पानी के कारण ही इसका नाम मोतीझरना पड़ा है. वही पहाड़ के नीचे गुफा है जहां शिव मंदिर है.यहां का दृश्य इतना मनोरम है कि यहां सालों भर सैलानी आते रहते हैं.
कन्हैया स्थान: साहिबगंज जिला मुख्यालय से 26 किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे 80 के किनारे कन्हैया स्थान है . गंगा किनारे यह धार्मिक स्थल दुनिया भर के कृष्ण भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र है. यहां राधारानी व श्री कृष्ण के पद चिन्ह मौजूद है. यहां भगवान श्रीकृष्ण और चैतन्य महाप्रभु के आने का वर्णन मिलता है.
तेलियागढ़ी से लेकर बारहद्वारी मुगल काल में बिहार, बंगाल और उड़ीसा की राजधानी रहा राजमहल आज भी सैलानियों के आकर्षण का केंद्र है. यहां सिंघी दलान, जामा मस्जिद, बारहद्वारी जैसे कई मुगलकालीन ऐतिहासिक स्थल है जिनको देखने के लिए कई राज्यों से लोग आते हैं. राजमहल में कटघर है यहां अनाज पत्थर के शक्ल में में मिलते हैं. जिले में तेलियागढ़ी किले का विशाल अवशेष है. उसके बगल में रक्सी माई स्थान है. इन जगहों पर कोई पर्यटक सुविधा नहीं होने के बाद भी हर साल हजारों लोग घूमने आते हैं. गंगा नदी और पतौड़ा …..झील झारखंड में साहिबगंज ही एकमात्र ऐसा जिला है जहां से होकर गंगा नदी बहती है. साहिबगंज से लेकर राजमहल तक मोटर बोट से गंगा विहार की सुविधा दी जाए तो हजारों पर्यटक सिर्फ गंगा दर्शन के लिए यहां आएंगे. राजमहल के उधवा में पतोड़ा….. झील है. यहां जाड़े में बड़ी संख्या में साइबेरियन पक्षियों का आना होता है.
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