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Bharat varta Desk
सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं विधायक कल्पना सोरेन ने झारखंड विधान सभा में महाधिवक्ता राजीव रंजन द्वारा लिखित पुस्तक बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग देवघर: A TOUCH OF THE DIVINE (दिव्यता का स्पर्श) पुस्तक का लोकार्पण किया। 300 पेज की इस पुस्तक में बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग की ऐतिहासिकता, प्राचीनता, पौराणिकता, धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक तथा वैधानिकता को विस्तार से प्रस्तुत किया गया है.
पुस्तक के लोकार्पण के मौके पर मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, महाधिवक्ता राजीव रंजन, सचिव अरवा राजकमल, मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव सुनील श्रीवास्तव, अपर महाधिवक्ता अच्युत केशव, राज्यकीय अधिवक्ता मनोज कुमार उपस्थित थे।
कानून के शख्सियत ने की धार्मिक पुस्तक की रचना, अनोखा उदाहरण
बता दें कि राजीव रंजन झारखंड के प्रख्यात कानूनविद हैं। संभवत यह पहला मौका है कि कानून के क्षेत्र के किसी महत्वपूर्ण शख्सियत ने इतनी अच्छी धार्मिक पुस्तक की रचना की है। 300 पृष्ठों की इस पुस्तक में छह अध्याय हैं, जो बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग की ऐतिहासिकता, धार्मिक, सांस्कृतिक और वैधानिकता पर प्रकाश डालते हैं।
पुस्तक लिखने की प्रेरणा
बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग पर ही पुस्तक लिखने की प्रेरणा कैसे मिली? इस संबंध में महाधिवक्ता राजीव रंजन ने मीडिया को बताया है कि भाई की शादी के बाद पहली बार वर्ष 1999 में देवघर गये थे। बाबा का दर्शन व जलाभिषेक किया था। उस समय उन्हें ऐसा महसूस हुआ कि वह पिछले जन्म में यहां रहते थे। एक-एक गली जाना पहचाना लग रहा था, जबकि वह इसके पहले कभी भी देवघर नहीं गये थे। इसके बाद से वह प्रत्येक शुक्रवार को देवघर जाते थे। बाबा पर जालभिषेक करने के बाद लाैट जाते थे। यह सिलसिला लगातार कई वर्षों तक चला। बाबा बैद्यनाथ पर लिखने की प्रेरणा तभी से मिली।
पांच-छह वर्षों तक काम करके पुस्तक को रोचक बनाया
उन्होंने करीब पांच-छह वर्षों तक काम करके पुस्तक की रचना की है। बाबा मंदिर से जुड़े विभिन्न पहलुओं का गहन अध्ययन किया। ऐतिहासिक, पाैराणिक, मंदिर से जुड़े वैधानिक साक्ष्यों पर गहराई से शोध किया, तथ्यों का संग्रह किया। कोर्ट के व्यस्ततम कार्यक्रम से समय निकालकर रोज एक-दो घंटे लिखने का काम किया। पिछली गर्मी छुट्टी के पहले यह संकल्प लिया था कि कहीं बाहर नहीं जाएंगे और घर पर रहकर किताब पूरी करेंगे। इस क्रम में भी कई दिनों तक देवघर में ही रहे।
ए टच ऑफ द डिवाइन (दिव्यता का स्पर्श) पुस्तक में ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक व वैधानिक संग्रह तो हैं ही, इसमें बड़ी संख्या में दुलर्भ चित्रों का संकलन है। दर्जनों रंगीन फोटोग्राफ्स दिये गये हैं। इसमें धार्मिक व सांस्कृतिक जानकारी के साथ-साथ बाबा मंदिर से जुड़े कोर्ट के फैसलों व ऐतिहासिक तथ्यों का भी पूरा संग्रह है। पुस्तक रोचक, ज्ञानवर्द्धक के साथ धार्मिकता से भी ओतप्रोत है।
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