
Bharat varta desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर चर्चा करते हुए कांग्रेस समेत विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। विपक्ष की ओर से काफी शोर-शराबा भी किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री एक बार अपने सीट पर बैठ भी गए मगर फिर उठे और अपने लंबे भाषण में खासतौर से कांग्रेस को खूब लपेटा।
उन्होंने कहा कि देश की जनता कांग्रेस को पहचान गई है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की सुई 2014 पर ही अटकी हुई है।
इस वजह से उन्हें सरकार द्वारा लोगों की भलाई के लिए किए जा रहे काम नजर नहीं आते हैं। अगर जमीन से जुड़े हुए होते तो ये सब दिखाई देता।
उन्होंने कांग्रेस को कहा कि लगता है आपने तय कर लिया है कि 100 साल तक सत्ता में नहीं आएंगे। यह आपकी हरकतों से पता चल रहा है। इसलिए हमने भी तय कर लिया है कि आपको अब आने नहीं देना है।
उन्होंने राज्यों में कांग्रेस के प्रदर्शन पर तंज कसा। प्रधानमंत्री ने क्रम से उदाहरण गिनाए। उन्होंने कहा, पिछली बार 1988 में त्रिपुरा में वहां की जनता ने आपको वोट दिया था, जो करीब 34 साल पहले का वक्त है। यूपी, गुजरात, बिहार ने आखिरी बार 1985 में कांग्रेस के लिए वोट किया था, करीब 37 साल पहले। पिछली बार पश्चिम बंगाल के लोगों ने करीब 50 साल पहले 1972 में आपको पसंद किया था। उन्होंने कहा, नागालैंड के लोगों ने आखिरी बार 1998 में कांग्रेस के लिए वोट किया था, करीब 24 साल हो गए। ओडिशा ने 1995 में आपके लिए वोट किया था, सिर्फ 27 साल हुए आपको वहां एंट्री नहीं मिली. गोवा में 1994 में पूर्ण बहुमत के साथ आप जीते थे, 28 साल से गोवा ने आपको स्वीकार नहीं किया।
प्रधानमंत्री की शायरी
अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री का शायराना अंदाज दिखा। उन्होंने कहा, ‘वो जब दिन को रात कहें, तो तुरंत मान जाओ। नहीं मानोगे तो वो दिन में नकाब ओढ़ लेंगे. जरूरत हुई तो हकीकत को थोड़ा बहुत मरोड़ लेंगे, वो मगरूर हैं खुद की समझ पर बेइंतहा, इन्हें आईना मत दिखाओ, वो आईने को भी तोड़ देंगे।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोनावायरस के संकट काल में कांग्रेस ने हद कर दी। जब संक्रमण को रोकने के लिए डब्लू एच ओ समेत पूरी दुनिया कह रही थी कि जो जहां है वह वहीं रुका रहे । वैसे में कांग्रेस ने लोगों को दिल्ली, मुंबई और दूसरे कई साहू के झुग्गी झोपड़ी वाले मोहल्लों में जाकर लोगों को पलायन करने के लिए प्रेरित कर रहे थे। यही नहीं उनको जानने के लिए बस भिजवा दी और रास्ते में ही छोड़ भी दिया जहां लोग भूखे- प्यासे परेशान हुए। प्रधानमंत्री ने कहा कि महलों में रहने वाले छोटे किसानों के दुख दर्द को महसूस नहीं करते हैं। उन्हें छोटे किसानों से नफरत है।
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