
NewsNLive Desk : कांग्रेस ने बिहार के दिग्गज नेताओं प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, विधायक दल के नेता सदानंद सिंह और चुनाव अभियान समिति के संयोजक अखिलेश सिंह को पार्टी स्क्रीनिंग कमेटी से बाहर कर दिया है। लेकिन जब मामला बहुत प्रसारित हो गया तब पार्टी को यह ध्यान में आया कि चुनाव के समय ऐसी कार्रवाई नुकसान दे हो सकती है। उसके बाद से पार्टी मामले को पैचअप करने में लगी है। पार्टी के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि यह कार्रवाई नहीं है। जबकि यह बात पक्की मानी जा रही है कि शीर्ष नेतृत्व को टिकट के वितरण में धांधली की शिकायत मिलने के बाद नेताओं को स्क्रीनिंग कमिटी से बाहर किया गया है।
सदानंद सिंह 9 बार कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं। इस बार सदानंद खुद चुनाव नहीं लड़ रहे लेकिन अपने बेटे को कलगांव सीट से उम्मीदवार बनाया है। अखिलेश सिंह और मदन मोहन झा के बेटों को चुनाव लड़ाने लिए के लिए के लिए भी जुगाड़ लगाया जा रहा है। अखिलेश सिंह के करीबियों में हिसुआ से नीतू सिंगजको टिकट मिला है। लखीसराय जिले में 6 महीना पहले पार्टी में शामिल एक नेता को उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं गया के टेकारी में पहले घोषित उम्मीदवार को अचानक बदल कर एक दूसरे को उम्मीदवार बना दिया गया है। इसको लेकर भी पार्टी में चर्चा है। सदानंद के एक करीबी को जमालपुर से टिकट मिलना भी चर्चा का विषय है। चैनपुर के उम्मीदवार को लेकर भी पार्टी में विवाद की चर्चा है। पटना के बाढ़ में कांग्रेस के उम्मीदवार को कमजोर बताया जा रहा क्योंकि वहां से ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू जैसे प्रभावी नेता भाजपा के उम्मीदवार हैं। और भी टिकटों के वितरण में धांधली का आरोप पार्टी के अंदर के नेता लगा रहे हैं।
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